इस्लामाबाद:पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि उसकी जेलों में 682 भारतीय कैदी बंद हैं। यह जानकारी तब सामने आई जब भारत और पाकिस्तान ने अपने यहां बंद कैदियों की लिस्ट एक दूसरे से शेयर की। दोनों देश 2008 में हुए एक समझौते के तहत जेलों में बंद असैन्य कैदियों और मछुआरों की सूची साझा करते हैं। इसी सूची के आदान-प्रदान के दौरान पाकिस्तान ने उसकी जेलों में बंद भारतीय कैदियों की संख्या की पुष्टि की।
यह सूची साल में दो बार – एक जनवरी और एक जुलाई – को साझा की जाती है। पाकिस्तान विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने यहां भारतीय उच्चायोग को उसकी जेलों में बंद 682 भारतीय कैदियों की सूची साझा की, जिसमें 49 आम नागरिक और 633 मछुआरे शामिल हैं।
भारत ने पाकिस्तान से हिरासत में रखे कैदियों को रिहा करने को कहा
भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से उसकी हिरासत में रखे गए 536 भारतीय मछुआरों और अन्य कैदियों को रिहा करने को कहा है जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और उनकी नागरिकता की पुष्टि हो गई है। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, पाकिस्तान से उनके 105 मछुआरों और 20 अन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को कहा है जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और समझा जाता है कि वे भारतीय हैं ।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 309 पाकिस्तानी नगरिकों एवं वहां के 95 मछुआरों की सूची सौंपी जो भारत की हिरासत में हैं। इसी प्रकार से, पाकिस्तान ने 49 नागरिकों एवं 633 मछुआरों की सूची सौंपी जो उसकी हिरासत में हैं और जो भारतीय हैं या जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय हैं।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘ सरकार ने अपने नागरिकों सहित भारतीय रक्षा कर्मियों, मछुआरों को जल्द रिहा करने एवं वापस भेजने के लिये पाकिस्तान से कहा है जो उसकी हिरासत में हैं। इसके अलावा नौकाओं को भी लौटाने को कहा गया है।’’
बयान के अनुसार, इस संदर्भ में पाकिस्तान से उसकी हिरासत में मौजूद उन 536 भारतीय मछुआरों और तीन अन्य कैदियों को रिहा करने को कहा गया है जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और उनकी नागरिकता की पुष्टि हो गई है तथा इसके बारे में उसे सूचित कर दिया गया है ।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत दोनों देश के कैदियों एवं मछुआरों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने को प्रतिबद्ध है। भारत ने पाकिस्तान से मछुआरों सहित 57 पाकिस्तानी कैदियों की नागरिकता की स्थिति की पुष्टि के लिये जरूरी कदम उठाने को भी कहा है जिनकी वापसी पाकिस्तान की ओर से नागरिकता की पुष्टि अब तक नहीं होने के कारण लंबित है ।
इसमें कोविड महामारी के कारण पाकिस्तान से सभी भारतीय कैदियों या जिन्हें भारतीय कैदी समझा जाता है, उनकी सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने को कहा गया है।