डेस्क:बंटी और बबली की कहानी तो हम सबने सुनी ही होगी। हालांकि पंजाब के इस जोड़े की दास्तां सुनकर आपको भी शायद भरोसा ना हो। इस कपल ने सालों से लोगों को लूट-लूट कर 3500 करोड़ रुपए छाप लिए। पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दोनों कई महीनों से पकड़ में नहीं आ रहे थे। हालांकि बीते शुक्रवार पुलिस ने इस जोड़े को धर दोबाचा और फिलहाल वे ईडी की हिरासत में हैं। शनिवार को जालंधर की एक पीएमएलए कोर्ट ने सुखविंदर सिंह खरौर नाम के शख्स को 10 दिन और उसकी पत्नी डिंपल खरौर को पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।
इस जोड़े की ठगी की लिस्ट लंबी है। दोनों ने मिलकर क्लाउड स्पेस खरीदने और उसे वापस लीज पर देने के नाम पर सालों तक लोगों का ठगा और उससे मोटी रकम छापी। कपल ने पिछले 2-3 सालों में 3,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम इकट्ठी की और उससे ऐश करते रहें। पिछले महीने ईडी ने इनके ठिकानों से 80 करोड़ रुपये की कम से कम 26 लग्जरी कारें जब्त की थीं। वहीं पंजाब में दोनों की 178 करोड़ रुपये की प्रापर्टी भी पुलिस ने जब्त की थी।
जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने अपनी काली कमाई को सफेद करने के लिए कई शेल कंपनी बनाईं। डिंपल के बैंक अकाउंट्स और उसकी फर्जी कंपनियों जैसे खरौर फिल्म्स एलएलपी, फ्रूटचैट एंटरटेनमेंट प्राइवेट और अवनी आईटीइंफ्रा वेंचर्स लिमिटेड के जरिए पैसे डायवर्ट किए गए। ईडी ने बताया है कि व्यूनाउ ग्रुप के सीईओ और संस्थापक सुखविंदर इस घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने ईडी के हवाले से बताया, ” क्लाउड सेल और लीज बैक मॉडल पूरी तरह से फ्रॉड था, जिसे लोगों को चूना लगाने के लिए तैयार किया गया था। जालसाजी से करीब 3,558 करोड़ रुपये छाप कर पति-पत्नी ने इसे अलग-अलग जगहों पर खर्च किए। व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और इस ग्रुप की कंपनियों ने इन पैसों से चैनल पार्टनर्स को कमीशन देने के अलावा, लक्जरी गाड़ियां और सोने और हीरे खरीदें। वहीं शेल कंपनियों के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपये रूटिंग और प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर डायवर्ट किए गए।”