UP में बुधवार को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का दूसरा दिन है। सुबह 6.15 बजे राहुल-प्रियंका के साथ यात्रा बागपत के मवी कलां से शुरू हुई। सबसे पहले तिरंगा फहराने के साथ राष्ट्रगान फिर आतिशबाजी हुई। आज 48 किलोमीटर की यह यात्रा पलायन के लिए चर्चित रहे शामली के कैराना से होकर गुजरेगी।
राहुल गांधी के बागपत के सरुरपुर स्थित श्री गुफा वाले बाबा मंदिर में पूजा करने का कार्यक्रम बताया जा रहा है। मंदिर में इसे लेकर तैयारियां की गई हैं। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। रालोद, पीस पार्टी, भीम आर्मी के कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। बागपत जिले से भीम आर्मी के करीब 200 कार्यकर्ताओं का दल रैली में शामिल हुआ। यह दल शामली में यूपी बॉर्डर तक चलेगा। वहीं, बागपत में यात्रा पहुंची तो रालोद कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।
अग्निवीर भर्ती के खिलाफ बागपत में 5 युवाओं ने राहुल से मुलाकात की। ये युवा भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ हैं। इनका कहना है कि सेना में भर्ती प्रक्रिया पुराने तरीके से हो। राहुल ने आश्वासन दिया है अगर हम सत्ता में वापस लौटेंगे तो उनकी मांग पर भी अमल किया जाएगा।
जहां पलायन का मुद्दा उछला, उसी कैराना से निकलेंगे राहुल
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा शामली जिले के कैराना से गुजरेगी। पहले यात्रा का कैराना में ही नाइट स्टे का कार्यक्रम था। हालांकि, वहां इतनी बड़ी जगह नहीं मिल पाई, जहां सभी 60 कंटेनर और 10 हजार कार्यकर्ताओं के रुकने का इंतजाम हो सके। इसके बाद कैराना से आगे नाइट स्टे का कार्यक्रम रखा गया।
2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे। इसके बाद पश्चिमी यूपी में हिंदू-मुस्लिम की सियासत तेज हो गई थी। कैराना पलायन का मुद्दा सबसे पहले मई 2016 में सामने आया था। वहां के तत्कालीन सांसद हुकुम सिंह ने वहां से कुछ हिंदुओं के पलायन का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि मुस्लिम दबंगों के चलते हिन्दू परिवार कैराना से पलायन कर रहे हैं। इसको लेकर खूब राजनीति हुई।
2022 चुनाव से पहले शाह गए थे कैराना
यूपी में चुनाव के आसपास कैराना का मुद्दा खूब चर्चा में रहता है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी कैराना गए थे। शाह ने वहां पलायन पीड़ितों से मुलाकात की थी। उनका हालचाल लिया था। कैराना मुस्लिम बाहुल्य सीट है। 2017 और 2022 दोनों ही बार यहां सपा के नाहिद हसन ने चुनाव जीता था।
25 किमी की यात्रा के बाद दिल्ली लौटे थे राहुल
एक दिन पहले 25 किलोमीटर की यात्रा के बाद वो दिल्ली वापस गए थे। ये अलग बात है कि उनके नाइट स्टे की व्यवस्था बागपत के द हरी कैसल रिजॉर्ट में की गई थी। हालांकि अन्य यात्री पैदल चलकर मवीकलां गांव तक आए थे। यहां करीब 2 लाख वर्ग फीट में बने जर्मन हैंगर (वाटर प्रूफ टैंट) में करीब 6 हजार लोग ठहरे और नाइट स्टे किया।
बागपत से रालोद चलेगी साथ, खाप चौधरी भी हो सकते हैं शामिल
बागपत के रालोद जिलाध्यक्ष रामपाल धामा ने कहा, ”राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देश के अनुसार 4 जनवरी को बागपत में भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत किया जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता इस यात्रा में शामिल रहेंगे।” वहीं, जयंत चौधरी ने UP में इस यात्रा के पहले दिन सोमवार को ट्वीट करके कहा,”तप कर ही धरती से बनी ईंट छू लेती है आकाश। भारत जोड़ो यात्रा के तपस्वियों को सलाम। देश के संस्कार के साथ जुड़कर उत्तर प्रदेश में भी चल रहा यह अभियान सार्थक हो और एक सूत्र में लोगों को जोड़ते रहें।
उधर, बागपत और शामली जिले में कुछ खाप चौधरी भी इस यात्रा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत पहले ही कह चुके हैं कि वे इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे, लेकिन कार्यकर्ता चाहें तो जा सकते हैं।
PPE किट पहनकर चल रहे अनिल, बोले- कोरोना मरीज ढूंढ रहा हूं
दिल्ली के गांधीनगर के रहने वाले 55 साल के अनिल कुमार PPE किट पहनकर यात्रा में चल रहे हैं। अनिल राजस्थान के जयपुर से इस यात्रा में जुड़े थे। उन्होंने PPE किट के साथ चेहरे पर फेस मास्क भी लगाया हुआ है। ये PPE किट क्यों पहनी हुई है? इस सवाल पर अनिल कुमार ने कहा, ”भाजपा सरकारें कोरोना-कोरोना कह रही है। इसलिए मैं PPE किट पहनकर पहनकर आया हूं कि कहीं कोरोना मरीज न मिल जाए। लेकिन जयपुर से गाजियाबाद तक मुझे एक भी कोरोना मरीज नहीं मिला।
महाराष्ट्र से तिरंगा लेकर आ रहे अनोखेलाल ने नहीं बनवाई दाढ़ी
रायबरेली जिले के गंगादीन का पुरवा गांव निवासी 57 साल के पंडित अनोखेलाल तिवारी महाराष्ट्र से इस यात्रा में तिरंगा लेकर चल रहे हैं। बागपत पहुंचे अनोखेलाल बताते हैं,”जब मैंने इस यात्रा के बारे में सुना, तो काफी प्रभावित हुआ। मैंने यात्रा में जाने का फैसला लिया। घरवालों से इस बात को लेकर थोड़ी तकरार जरूर हुई, क्योंकि घर में 5 बच्चे हैं। सब पढ़ाई कर रहे हैं।
आखिरकार मैं महाराष्ट्र पहुंच गया और यात्रा से जुड़ गया। जब मैं तिरंगा लेकर चलता था, तो कई बार राहुलजी ने मुझे देखकर सैल्यूट किया। इस तरह मेरा राहुलजी से आमना-सामना हुआ। राजस्थान में उन्होंने मुझे अपने घेरे में अंदर बुला लिया और मैं उनका हाथ पकड़कर कुछ दूर तक यात्रा के साथ चला। अब मैंने फैसला कर लिया है कि मैं इस यात्रा के साथ कश्मीर तक जाऊंगा। राहुलजी की तरह मैंने भी दाढ़ी नहीं बनवाई है। मैं इस यात्रा के पूरी होने के बाद ही दाढ़ी बनवाउंगा।