जयपुर:राजस्थान में रविवार को हुए सियासी घटनाक्रम के बाद से ही चुप्प रहे पायलट गुट के नेताओं ने गहलोत गुट पर जवाबी हमला बोला है। पायलट गुट के मंत्री मुरारी लाल मीना ने इशारों में सीएम गहलोत पर निशाना साधा है। बगावत का टैप झेल रहे मंत्री मुरारी लाल मीना ने राजधानी जयपुर में आयोजिप प्रेस वार्ता में कहा कि हमने कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ कोई बगावत नहीं की। रविवार को कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षकों का अनादर गहलोत के मंत्रियों ने किया। कांग्रेस आलाकमान के आदेशों की तौहीन है। आपकों बता दें गहलोत कैंप के नेता लगातार 2020 में पायलट की बगावत को याद कर सचिन पायलट का विरोध कर रहे हैं। आपकों बता दें गहलो कैबिनेट में मंत्री मुरारी लाल मीना, हेमाराम चौधरी और बृजेंद्र ओला सचिन पायलट कैंप के माने जाते हैं। मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीना भी पायलट कैंप के माने जाते थे,लेकिन अब पाला बदल लिया है। 2020 में पायलट की बगावत के चलते मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीना को बर्खास्त भी कर दिया था। लेकिन बाद में कैबिनेट फेरबदल में दोनों मंत्रियों को शामिल किया गया।
हमारे लिए गद्दार जैसे असंसदीय भाषा का इस्तेमाल
मंत्री मुरारी लाल मीना ने कहा कि हमारे लिए गद्दार जैसे असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे ज्यादा बुरी बात क्या होगी। पलटवार करते हुए कहा कि जब तक इनको मलाईदार पद मिलते रहते हैं तब तक ये आलाकमान की बात करते हैं। लेकिन जैसे ही इनको झटका लगता है तो ऐसी बातें करने लगते हैं। मुरारी लाल मीणा ने पूछा कि 2008 में निर्दलीय के तौर पर परसादी लाल मीणा ने चुनाव क्यों लड़ा था। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो ये कहते हैं कि हम आलाकमान को मानते हैं, दूसरी तरफ से 102 से सीएम बनने की बात कहते हैं।
आलाकमान के विरोध में कोई काम नहीं किया
परसादी लाल मीणा ने गलत आरोप लगाए कि हम भाजपा की गोद में बैठ गए। हम केवल आलाकमान तक अपनी बात रखने गए थे। वहां से आने के बाद हमने आलाकमान के विरोध में कोई काम नहीं किया। मुरारी लाल मीणा ने यह भी कहा कि कौन कितने पानी में है, ये पता चल जाएगा, चुनाव तो होने ही हैं। अगर मध्यवधि चुनाव करवा दें या एक साल बात तो होने ही हैं। इसमें पता लग जाएगा कौन कितने पानी में है।
Comments 1