डेस्क:भारत से कच्चा माल विदेशों में जाए और फिर फिनिश होकर आए और हम उसे खरीदें, ऐसा स्वीकार नहीं किया जा सकता। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक कार्य़क्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब तो यह ट्रेंड भी बदल रहा है, जो पहले था कि यहां से कच्चे माल का निर्यात होता था और फिर फिनिश आइटम हम खरीदा करते थे। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने को दो ही स्तंभ हैं। सर्विस सेक्टर में सुधार हो और नई चीजें लागू की जाएं। इसके अलावा हम क्वॉलिटी प्रोडक्ट्स तैयार करें। उत्कर्ष ओडिशा कॉनक्लेव का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की तेज ग्रोथ सिर्फ कच्चे माल के एक्सपोर्ट पर ही संभव नहीं है। हम पूरे ईकोसिस्टम को ही बदलने में जुटे हैं। नए विजन के साथ काम करना है और अब फिनिश माल का एक्सपोर्ट भी हम ही करेंगे।
उन्होंने ओडिशा का ही जिक्र करते हुए कहा कि लंबे समय तक यहां से कच्चे लोहे का एक्सपोर्ट दूसरे देशों में होता रहा है। अब हमारी सरकार यह तय करने में जुटी है कि जिन संसाधनों की यहां उपलब्धता है, उससे जुड़े उद्योंगो को यहां स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा, ‘अब ट्रेंड भारत में बदल रहा है। यहां खनिजों का उत्पादन होता था और उन्हें दूसरे देशों में भेजा जाता था। वहां नए उत्पाद तैयार होते थे और फिर उन्हें फिनिश करके भारत भेजा जाता था। मोदी को ऐसा करना मंजूर नहीं है।’ भारत में लोहे के उत्पादन में ओडिशा अग्रणी राज्य है। पूरे भारत में होने वाले लौह उत्पादन में अकेले ओडिशा की ही जिम्मेदारी 51 फीसदी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं के साथ विकास के रास्ते पर हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर है और हर कोई उसके बारे में बात कर रहा है। भारत की ताकत सिर्फ एआई नहीं है बल्कि उसकी आकांक्षाएं भी हैं। हमारी जब जरूरतें पूरी होने लगती हैं तो फिर आकांक्षाएं जन्म लेती हैं। बीते एक दशक में हमारे देश में प्रगति हुई है और करोड़ों लोग सशक्त हुए हैं। ओडिशा भी उन आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी इन्फ्रास्ट्रक्चर और मल्टी मोडल कनेक्टिविटी की है। इस दौर में जिसकी भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी, वही प्रगति करेगा। हमने इस दिशा में बड़े पैमाने पर निवेश किया है।
दुनिया टिकाऊ जीवनशैली की तरफ बढ़ रही
वहीं ऊर्जा सुरक्षा के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया टिकाऊ जीवनशैली के बारे में बात कर रही है और हरित भविष्य की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अब ईको-जॉब्स की गुंजाइश बढ़ रही है। इसलिए हमें उभऱते रुझानों के साथ खुद को ढालना होगा। भारत हरित भविष्य और हरित तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। चाहे वह सौर, पवन, या हरित हाइड्रोजन हो, ये ऊर्जा सुरक्षा को शक्ति प्रदान करने वाले हैं। हमारा विकासशील भारत ऐसे ही आगे बढ़ेगा। मोदी ने कहा कि वह पूर्वी भारत को देश का विकास इंजन मानते हैं और ओडिशा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।