अहमदाबाद:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हाल के दिनों में एक जैसे अनुभव से गुजरना पड़ा है। आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के लिए रेस में शामिल गहलोत को अपने सामने ‘मोदी-मोदी’ नारे का सामना करना पड़ा है। अपने सामने धुर विरोधी नेता के ‘जयकारे’ पर दोनों नेताओं का रिएक्शन भी लगभग एक जैसा ही रहा।
मंगलवार को जब अरविंद केजरीवाल गुजरात के वडोदरा पहुंचे तो एयरपोर्ट पर कुछ लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। एग्जिट गेट पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता गुलदस्ते लेकर खड़े थे। लेकिन वहां मौजूद कुछ भाजपा समर्थकों ने मोदी के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। दिल्ली के सीएम इस पर असहज नहीं हुए और हाथ जोड़कर मुस्कुराते नजर आए। हालांकि, जवाब में आप के भी कार्यकर्ताओं ने भी केजरीवाल-केजरीवाल के नारे लगाए। आप प्रमुख मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बाहर निकल गए।
बाद में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि गुजरात में बीजेपी को इस बार तकलीफ होने वाली है, इसलिए कुछ लोगों को भेजकर भाजपा ने नारे लगवाए। उन्होंने कहा कि भाजपा को उन 66 सीटों में से भी कई सीटों पर हारने जा रही है, जिसपर वह कभी नहीं हारती। दिल्ली के सीएम ने यह कहकर भी निशाना साधा कि जब राहुल गांधी आते हैं तो उनके सामने मोदी-मोदी के नारे नहीं लगाए जाते हैं। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस मिलकर उन्हें गाली देती है।
जब गहलोत के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे
इसी महीने की शुरुआत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा। गहलोत 2 सितंबर को जैसलमेर के प्रसिद्ध रामदेवरा तीर्थ में बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन को पहुंचे थे। गहलोत जब यहां से लौटने लगे तो मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। हालांकि, गहलोत मुस्कुराते हुए आगे बढ़ते रहे। वह लगातार हाथ हिलाते रहे।