डेस्क :पहल्गाम की बैसारन वैली में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक और सैन्य तनाव तेजी से बढ़ गया है। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों ने 25 निर्दोष पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की बेरहमी से हत्या कर दी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की प्रारंभिक रिपोर्ट में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और LeT के गठजोड़ की पुष्टि हुई है।
भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है, जबकि इस्लामाबाद ने आरोपों से इनकार किया है। इस घटनाक्रम के बाद भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका के चलते पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास अपने आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण शिविर खाली कर दिए हैं।
भारत की सख्ती से पाकिस्तान सतर्क
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने विशेष रूप से जम्मू डिविजन के तीन प्रमुख लॉन्च पैड्स—शकरगढ़ (कठुआ के पास), समहनी (नौशेरा के पास) और सुखमल (हीरानगर के पास)—से सभी आतंकियों को हटा लिया है। पहले इन स्थानों पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के 10-12 आतंकी तैनात थे। अब ये सभी POK या पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में लौट चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, इन लॉन्च पैड्स की निगरानी कर रही पाकिस्तान सेना और रेंजर्स को भी पीछे हटा लिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक जैसे कड़े जवाब की आशंका से घबराया हुआ है।
पाकिस्तानी रक्षा तैयारियों में तेजी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में बयान दिया कि भारत कभी भी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इसी के चलते पाकिस्तान ने अपनी उत्तरी वायु कमान में अतिरिक्त सैन्य उपकरण और संसाधन तैनात करना शुरू कर दिया है।
हमले की साजिश में ISI और लश्कर की मिलीभगत
NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पता चला है कि हमले की साजिश में पाकिस्तान की ISI की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमले का सरगना हाशिम मूसा, लश्कर का आतंकी और पाकिस्तान सेना की स्पेशल फोर्स का पूर्व सैनिक था, जिसे ISI ने “उधार” देकर इस मिशन पर भेजा था।
इसके अलावा, जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि हमले के दौरान आतंकियों ने ‘Ultra’ नामक एन्क्रिप्टेड ऐप के जरिए पाकिस्तान स्थित मास्टरमाइंड्स और कश्मीर के ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) से संपर्क बनाए रखा। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में कई चैट्स सामने आए हैं जिनमें OGWs को आतंकियों को मार्गदर्शन देते हुए पाया गया है।
अब तक 15 से अधिक स्थानीय OGWs की पहचान की गई है, जिन्होंने आतंकियों को लॉजिस्टिक सहायता, इलाके की रेकी और छिपने की जगह उपलब्ध कराई थी।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
पहल्गाम हमले के बाद भारत सरकार ने कई निर्णायक कदम उठाए हैं:
- सिंधु जल संधि निलंबित: पाकिस्तान को मिलने वाले 80% से अधिक पानी की आपूर्ति पर रोक लगाई गई है।
- अटारी-वाघा सीमा बंद: दोनों देशों ने सीमाओं को सील कर दिया है, जिससे सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं।
- पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किया गया: भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया और उनके वीजा रद्द कर दिए हैं।
- राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के दूतावासों से कर्मचारियों की संख्या घटा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को “खुली छूट” दे दी है, जिसका मतलब है कि सेना को जवाबी कार्रवाई का समय, स्थान और तरीका चुनने की पूरी आज़ादी है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पहल्गाम हमले के हर दोषी को खोजकर सजा दी जाएगी।”
LoC पर बढ़ता तनाव
हमले के बाद से नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में लगातार आठ रातों तक अकारण गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। सीमावर्ती गांवों में लोगों ने सामुदायिक और व्यक्तिगत बंकरों को साफ करना शुरू कर दिया है, जिससे युद्ध की आशंका का माहौल और गहरा गया है।