डेस्क:जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को झटका दिया है, बल्कि पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से उठाने का मौका भी दे दिया है। उन्होंने कहा कि इस हमले ने कई सालों की मेहनत को बर्बाद कर दिया है, जिसके तहत कश्मीर में पर्यटन और शांति बहाली की कोशिशें की जा रही थीं।
एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले ने राज्य की अर्थव्यवस्था और कूटनीति के क्षेत्र में वर्षों की मेहनत को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह हमला ऐसे समय में हुआ जब कश्मीर के पर्यटन उद्योग ने वर्षों बाद रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन अब सब कुछ फिर से ठहर गया है। उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे मोड़ पर आ गए हैं जहां हम कभी नहीं सोचे थे कि फिर लौटेंगे। यहां फिर से खूनखराबा है, पीड़ा है, उथल-पुथल है… सब कुछ बदल गया है, लेकिन कुछ भी नहीं बदला है।”
जब उनसे पूछा गया कि इस बदलाव का असर जमीन पर कैसे दिखता है, तो उन्होंने कहा, “इस समय घाटी को पर्यटकों से भरा होना चाहिए था। अर्थव्यवस्था को फल-फूलना चाहिए था, बच्चे स्कूलों में होते, एयरपोर्ट पर हर दिन 50-60 फ्लाइट्स उतरतीं। लेकिन अब घाटी खाली पड़ी है, स्कूल बंद हैं, हवाई अड्डा और एयरस्पेस दोनों बंद हैं।”
मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि पाकिस्तान ने एक बार फिर जानबूझकर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, “जब मैं कहता हूं कि कुछ भी नहीं बदला है – तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान ने, दुर्भाग्य से फिर से जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है।” उन्होंने कहा, “अमेरिका मध्यस्थ की भूमिका में खुद को शामिल करने के लिए उत्सुक है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो संघर्षविराम अब तक किसी तरह से बना हुआ था, वह अब टूट चुका है। अब हम यह देखने को मजबूर हैं कि आज रात क्या होता है। उमर अब्दुल्ला ने याद करते हुए कहा कि तीन हफ्ते पहले तक पहलगाम का इलाका पर्यटकों से भरा हुआ था। वहां रौनक थी, जिंदगी थी। लेकिन फिर वह भयावह नरसंहार हो गया।
22 अप्रैल को आतंकवादियों ने कश्मीर के सुंदर बैसारन मैदान में हमला कर दिया। इस हमले में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आतंकियों ने पहले धार्मिक पहचान की पुष्टि की और फिर गोलियां चलाईं। मारे गए लोगों में 25 पर्यटक थे और एक स्थानीय व्यक्ति – एक टट्टूवाला, जो पर्यटकों की जान बचाने की कोशिश कर रहा था।
हमले के कुछ दिन बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर तबाह किया गया। इसके अगले दिन पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए और सीमावर्ती इलाकों में तोपों से गोलीबारी शुरू कर दी। हालांकि, भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के एयरबेस, कमांड सेंटर, सैन्य ढांचे और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। इसके बाद चौथे दिन पाकिस्तान ने अपने कदम पीछे खींच लिए और हालात में अस्थायी शांति आई।