डेस्क:सिएरा लियोन की संसद ने एक असाधारण कदम उठाते हुए 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 26 पीड़ितों के सम्मान में एक मिनट का मौन रखा। यह श्रद्धांजलि गुरुवार को भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति में दी गई, जो इस भयानक त्रासदी के प्रति वैश्विक एकजुटता का प्रतीक है। पहलगाम हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी की जान गई थी। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में भारत का प्रतिनिधिमंडल सिएरा लियोन पहुंचा है। दुनिया भर के कई देशों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है और इस घातक आतंकी हमले पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
भारत और पश्चिमी अफ्रीकी देश सिएरा लियोन के बीच गर्मजोशी और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक सहयोग पर आधारित हैं। दोनों देश राष्ट्रमंडल और गैर-आंदोलन (NAM) के सदस्य हैं, जिसके कारण उनकी साझा मूल्य प्रणाली और वैश्विक शांति के प्रति प्रतिबद्धता है। भारत ने सिएरा लियोन को शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सहायता प्रदान की है, जिसमें भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण और छात्रवृत्तियां शामिल हैं।
सिएरा लियोन वर्तमान में 2024-25 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का गैर-स्थायी सदस्य है, जो 54 वर्षों के बाद इस भूमिका में उसकी वापसी को दर्शाता है। इससे पहले, सिएरा लियोन 1970-71 में UNSC का सदस्य था। यह देश अफ्रीकी संघ के C-10 समूह का अध्यक्ष भी है, जो UNSC सुधारों की वकालत करता है। सिएरा लियोन की UNSC में मौजूदगी भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) का सदस्य भी है, और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए इसका समर्थन मांगा है।
पहलगाम हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के बाद, भारत ने वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए एक व्यापक कूटनीतिक अभियान शुरू किया, जिसमें UNSC के स्थायी और गैर-स्थायी सदस्य देशों को साधना शामिल था। भारत ने सात टीमें बनाकर 32 देशों और यूरोपीय संघ के साथ बातचीत की, जिसमें सिएरा लियोन जैसे गैर-स्थायी UNSC सदस्य शामिल थे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अल्जीरिया, ग्रीस, गुयाना, पनामा, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया के समकक्षों से टेलीफोन पर बात की, ताकि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और ऑपरेशन सिंदूर की वैधता को रेखांकित किया जा सके। सिएरा लियोन और लाइबेरिया जैसे देशों को इसलिए चुना गया, क्योंकि वे UNSC में प्रभाव रखते हैं और OIC जैसे मंचों पर भारत की स्थिति को समर्थन दे सकते हैं। इस कूटनीति का उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाना और भारत की UNSC में स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी को मजबूत करना था।
सिएरा लियोन की संसद का यह कदम वैश्विक समुदाय के भारत के साथ एकजुटता का प्रतीक है। कई देशों और वैश्विक नेताओं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, और यूरोपीय संघ के राजदूत शामिल हैं, ने इस हमले की निंदा की और भारत के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। यूरोपीय संघ ने नई दिल्ली में एक मिनट का मौन रखकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम के पास बैसारन घाटी में पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है और घने जंगलों से घिरा हुआ है, जहां केवल पैदल या घोड़े की सवारी से पहुंचा जा सकता है। हमलावरों ने एम4 कार्बाइन और एके-47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया और सैन्य वर्दी में थे। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे, हालांकि एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम, सैयद आदिल हुसैन शाह, भी शहीद हुए। शाह ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में एक आतंकवादी से बंदूक छीनने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें गोली मार दी गई।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने त्वरित और कठोर कदम उठाए। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। इसके साथ ही, भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को और कम कर दिया और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान “विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से” सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता।