डेस्क:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को एक महीना बीत चुका है, इस बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार की चुप्पी और कार्रवाई की धीमी रफ्तार पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने अपने आधिकारिक X अकाउंट से सरकार से दो बड़े सवाल पूछे हैं, जो आम जनमानस के बीच भी चर्चा का विषय बन गए हैं।
गहलोत का पहला सवाल है — “हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अब तक क्यों नहीं पकड़े गए? क्या पाकिस्तान के साथ हुए संघर्षविराम समझौते में यह शर्त नहीं थी कि वह भारत पर हमलों में शामिल आतंकियों को सौंपे?” उनका कहना है कि इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी कई संदेहों को जन्म दे रही है।
दूसरा बड़ा सवाल उन्होंने सुरक्षा चूक को लेकर उठाया है। उन्होंने कहा, “जब सरकार ने खुद स्वीकार किया कि इस हमले में सुरक्षा में चूक हुई, तो फिर अब तक यह नहीं बताया गया कि उस चूक के लिए जिम्मेदार कौन था और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?”
गहलोत ने इस हमले की तुलना 2019 के पुलवामा हमले से भी की, जिसमें 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा कि पांच साल बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इतनी भारी मात्रा में आरडीएक्स देश के भीतर कैसे पहुंचा और कौन जिम्मेदार था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हर बार सरकार केवल “सख्त निंदा” और “जांच जारी है” जैसे बयानों से आगे नहीं बढ़ती।
पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर राजनीतिक लाभ के बजाय जवाबदेही तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता अब इन दो सवालों के जवाब चाहती है — एक, हमलावरों पर कब कार्रवाई होगी? और दूसरा, सुरक्षा व्यवस्था में हुई विफलता की जिम्मेदारी किसकी है?