उदयपुर: विशेष अदालत ने रेप के मामले में एक अभियुक्त को बरी कर दिया है। इसकी वजह यह थी कि पीड़िता ने कोर्ट के समक्ष कहा कि मैं बालिग थी और अपनी मर्जी से युवक के साथ गई थी। लड़की के इस बयान पर युवक को बरी कर दिया गया।
अभियुक्त की ओर पैरवी करने वाले एडवोकेट हरीश पालीवाल ने बताया कि लड़की के पिता ने सिरोही निवासी भरत कुमार प्रजापत पलासिया के खिलाफ अपनी नाबालिग बेटी के साथ रेप का मामला दर्ज करवाया था। दरअसल पीड़िता का पिता युवती का विकलांग व बड़ी उम्र के व्यक्ति साथ शादी करवाना चाहता था। इससे नाराज होकर युवती घर छोड़कर अपने प्रेमी भरत प्रजापत के साथ मर्जी से रहने लगी थी।
विशेष लोक अभियोजक कुलदीप परिहार ने 10 गवाहों और 22 दस्तावेजों को अदालत के समक्ष पेश किया, लेकिन आरोपी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सका। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को बरी कर दिया।
क्या है पूरा मामला
29 दिसंबर 2021 को युवती घर से चली गई थी। उसके पिता ने गलत दस्तावेज यानी गलत जन्म प्रमाण पत्र पेश कर बेटी को नाबालिग बताते हुए फलासिया थाने में मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने पिता की रिपोर्ट पर अपहरण, दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की धाराएं लगाई गई थी। पुलिस ने पिता द्वारा पेश दस्तावेज को सही मानते हुए मामला दर्ज कर लिया था। कोर्ट में पुलिस व जांच अधिकारी भी बचाव पक्ष के वकील के सवालों का सही जवाब नहीं दे सके। लड़की के पिता ने इस मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।