डेस्क:मंगलवार को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद दुनिया भर से शोक और निंदा की लहर दौड़ गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और भारत के साथ एकजुटता जताई है। लेकिन घटना के 12 घंटे बाद भी पाकिस्तान, चीन और कनाडा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे कूटनीतिक स्तर पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
आपको बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसारन इलाके में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े संगठन “द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने सोशल मीडिया पर एक घायल पर्यटक की तस्वीर के साथ ली है। मृतकों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूर्ण समर्थन देने की बात कही। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इसे क्रूर अपराध बताते हुए कड़ी निंदा की। इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन, जापान, सिंगापुर, श्रीलंका, एस्टोनिया और फ्रांस समेत कई देशों के राजदूतों ने इस हमले को अमानवीय और अक्षम्य बताया।
पाकिस्तान की चुप्पी
भारत सरकार के खुफिया सूत्रों के मुताबिक, हमले को विदेशी आतंकियों ने अंजाम दिया जिनमें से अधिकांश पाकिस्तानी थे। यह हमले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों विशेषकर लश्कर-ए-तैयबा और उसकी शाखा TRF के इशारे पर किए गए, जो पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में काम करते हैं। हाल ही में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान की शिरकत की नस बताया था, जिससे इन आतंकी हमलों की मानसिकता झलकती है।
चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार
भारत-चीन संबंध पिछले कुछ वर्षों में लद्दाख सीमा विवाद के चलते तनावपूर्ण रहे हैं। हाल ही में दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर बातचीत के बाद कुछ सुधार के संकेत मिले थे, लेकिन चीन द्वारा पाकिस्तान का समर्थन और कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी रुख ने दोनों देशों के संबंधों को फिर से मुश्किल बना दिया है।
कनाडा की खामोशी पर सवाल
भारत और कनाडा के रिश्ते हाल के वर्षों में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर तनावपूर्ण हो गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने के बाद से रिश्ते बिगड़ते चले गए। नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी कनाडा की ओर से अभी तक इस आतंकी हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वालों को न्याय मिलेगा। केंद्र सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और हमलावरों को ढूंढ निकालने का आदेश दिया है।