रोम: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को रोम में पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दौरान मुलाकात की। यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है। व्हाइट हाउस के अनुसार, इस मुलाकात से पहले कहा गया था कि कीव और मॉस्को “एक समझौते के बहुत करीब” हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति प्रवक्ता सेरही निकिफोरोव ने पत्रकारों को बताया, “बैठक हो चुकी है और समाप्त हो गई है।”
यह दोनों नेताओं की फरवरी में ओवल ऑफिस में तीखी बहस के बाद पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, अंतिम संस्कार के दौरान वेटिकन द्वारा प्रतिनिधिमंडलों को फ्रेंच वर्णमाला के अनुसार बैठाया गया था, इसलिए दोनों नेता पास में नहीं बैठे थे।
जेलेंस्की ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “अच्छी बैठक रही। हमने एक-एक कर कई मुद्दों पर चर्चा की। आशा है कि जिन विषयों पर बातचीत हुई, उन पर परिणाम भी मिलेंगे।” उन्होंने आगे लिखा, “यह एक बहुत प्रतीकात्मक बैठक रही, जो अगर सफल होती है तो ऐतिहासिक साबित हो सकती है।”
गौरतलब है कि फरवरी में ओवल ऑफिस में ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जेलेंस्की पर अमेरिका की मदद के लिए “कृतज्ञ न होने” का आरोप लगाते हुए तीखी झड़प की थी।
अंतिम संस्कार के दौरान ट्रंप और जेलेंस्की अपनी-अपनी पत्नियों के साथ मौजूद थे और सेंट पीटर्स स्क्वायर में अगली पंक्ति में बैठे थे, हालांकि दोनों के बीच अन्य विश्व नेता बैठे हुए थे।
व्हाइट हाउस ने शनिवार को बताया कि ट्रंप और जेलेंस्की के बीच “बहुत उत्पादक” बैठक हुई। व्हाइट हाउस संचार निदेशक स्टीवन च्यूंग ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आज निजी तौर पर मुलाकात की और एक बहुत ही सकारात्मक बातचीत की।”
हालांकि ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन पर हमले रोकने की अपील की है, लेकिन वह अक्सर यूक्रेन युद्ध के लिए जेलेंस्की को भी जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
ट्रंप के अनुसार, रूस और यूक्रेन “समझौते के बहुत करीब” हैं और उन्होंने दोनों पक्षों से “बहुत उच्च स्तर” पर बैठक कर इसे “अंतिम रूप” देने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछले साल वादा किया था कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को एक दिन में खत्म कर सकते हैं, हालांकि हाल ही में टाइम मैगजीन को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने इसे “थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया” माना।