डेस्क:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कई ऐसी योजनाएं शुरू की गई हैं जिनमें निवेश कर आप फ्यूचर सिक्योर कर सकते हैं। इनमें से एक प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना भी है। इस योजना में मामूली निवेश कर पेंशन का इंतजाम किया जा सकता है। हालांकि, यह योजना असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए है। आइए योजना के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
योजना के बारे में
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। यह योजना असंगठित क्षेत्र से संबंधित उन श्रमिकों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन सुनिश्चित करती है, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये तक है।
किस तरह के कामगार
असंगठित क्षेत्र के कामगारों में ज्यादातर घर में काम करने वाले मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, मिड-डे मील वर्कर, सिर पर बोझा ढोने वाले, हथकरघा मजदूर, चमड़ा मजदूर, ईंट भट्ठा मजदूर, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर, कृषि मजदूर, निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूर, बीड़ी मजदूर, ऑडियो-विजुअल मजदूर या इसी तरह के दूसरे कामों में लगे हुए कामगार शामिल हैं। ई-श्रम पोर्टल के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 तक 30.51 करोड़ से ज़्यादा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर रजिस्टर्ड हैं।
योजना की खासियत
योजना में केंद्र सरकार 1:1 के आधार पर श्रमिक के अंशदान के बराबर अंशदान करती है। 18 साल की उम्र में 55 रुपये के मामूली निवेश से शुरुआत हो जाती है। यह योजना अनिवार्य नहीं बल्कि स्वैच्छिक है। श्रमिक सामर्थ्य और जरूरत के आधार पर अंशदान कर सकते हैं। यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो पति/पत्नी को पेंशन राशि का 50 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलता है। पारिवारिक पेंशन केवल पति/पत्नी को ही मिलेगा।
कुछ शर्तें
-निवेश की आयु सीमा 18 से 40 वर्ष तक होनी चाहिए।
– मासिक आय ₹15,000 या उससे कम होनी चाहिए
– कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), या राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत कवर नहीं होना चाहिए। इसके अलावा आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
– लाभार्थी किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर रहा हो।
– आधार कार्ड, IFSC सहित बचत बैंक खाता या जन धन खाता हो। इसके अलावा मोबाइल का इस्तेमाल करता हो। ये सब जरूरी डॉक्युमेंट हैं।