पटना: जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर पटना के बेउर जेल में लगभग तीन घंटे बिताने के बाद रिहा हो गए हैं। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पहले प्रशांत किशोर को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी जिसे मानने से पीके ने मना कर दिया था। इसके बाद उन्हें कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया था। जन सुराज के सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर के जेल जाने के बाद कोर्ट ने जमानत की शर्तों को हटाने का आदेश दिया जिसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। जन सुराज पार्टी के सूत्रों ने दावा किया है कि प्रशांत जेल में लगभग तीन घंटे रहे। जेल जाने से पहले प्रशांत ने कहा था कि उनके अनशन का ये पांचवां दिन है जिस दौरान वो सिर्फ पानी ले रहे हैं और जेल जाकर वहां भी अपना अनशन जारी रखेंगे।
प्रशांत किशोर को सोमवार की अहले सुबह 4 बजे पटना पुलिस ने गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया था। प्रशांत किशोर को मेडिकल जांच के लिए पुलिस काफी समय तक पटना में घुमाती रही और अंत में फतुहा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उनको जांच के लिए गई। प्रशांत ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने जांच की सहमति देने से मना कर दिया तो पुलिस ने इस बात का एक वीडियो उनसे बनाने कहा। पुलिस फतुहा से प्रशांत को लेकर पटना सिविल कोर्ट आई जहां पेशी के बाद जमानत कुछ शर्तों के साथ मिली थी जिसमें फिर धरना-प्रदर्शन नहीं करना भी शामिल था। प्रशांत किशोर ने इसे अपने मौलिक अधिकार का हनन बताकर बेल बॉन्ड साइन करने से मना कर दिया था।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द करके सबकी दोबारा परीक्षा लेने की मांग कर रहे परीक्षार्थियों के समर्थन में प्रशांत किशोर 2 जनवरी से गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के नीचे बेमियादी भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। 4 जनवरी को बीपीएससी ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र की रद्द हुई परीक्षा 22 केंद्रों पर ली थी। पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा था कि परीक्षा के बाद प्रशांत किशोर के अनशन को लेकर कार्रवाई की जाएगी। पटना जिला प्रशासन ने प्रशांत किशोर को अपना अनशन गर्दनीबाग में ले जाने के लिए नोटिस जारी किया था जहां धरना और प्रदर्शन की इजाजत दी जाती है।