डेस्क:बिहार की राजधानी पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर की तबीयत में सुधार आया है। उन्हें गुरुवार को आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया गया है। फिलहाल उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है, अभी अस्पताल से छुट्टी नहीं दी गई है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 13 दिसंबर को हुई 70वीं प्रारंभिक सिविल सेवा परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए पीके बीते 2 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं।
अनशन के छठे दिन मंगलवार को तबीयत खराब होने पर प्रशांत किशोर को पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत और बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार रात को बताया था कि खाना नहीं लेने की वजह से पीके का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। आईसीयू में उन्हें आईवी के जरिए न्यूट्रीशंस और दवाइयां दी गई हैं।
इसके बाद बुधवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीके से मुलाकात कर अनशन तोड़ने की अपील की, जिसे प्रशांत किशोर ने नकार दिया। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक वे अनशन जारी रखेंगे।
इससे पहले सोमवार अहले सुबह पटना के गांधी मैदान में धरने पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत भी मिल गई।
बुधवार को जन सुराज के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात कर उन्हें पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। इसमें पार्टी की ओर से बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितता की जांच कराने और पूरी परीक्षा को रद्द कर इसे फिर से आयोजित करने की मांग की। भारती ने कहा कि वे जल्द ही पटना हाई कोर्ट में भी इस संबंध में एक याचिका दायर करेंगे।