कजरैली:बीपीएससी पेपर लीक मामले में अभियुक्त राजेश कुमार का भागलपुर के सजौर थाना के जगन्नाथपुर में आलीशान मकान है। गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद रविवार को घर में सन्नाटा पसरा हुआ था। गांव में राजेश को लेकर ग्रामीण तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे थे।
पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद रविवार को हिन्दुस्तान की टीम जब जगन्नाथपुर स्थित मकान पर पहुंची तो गेट अंदर से बंद था। अंदर से किसी ने दरवाजा नहीं खोला। गिरफ्तारी की भनक ग्रामीणों को भी लग गयी थी। गांव में हर जगह राजेश की गिरफ्तारी की चर्चाएं हो रही थीं। ग्रामीणों ने बताया कि पुश्तैनी घर मायागंज अस्पताल के सामने खंजरपुर मोहल्ले में भी है। सजौर थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर में करीब चालीस बीघा जमीन है।
आरोपी के पिता लगभग 20 वर्षों से गांव में खेती-बाड़ी करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि राजेश का गांव में आना-जाना लगा रहता है। अच्छी गाड़ी और बाहरी लोगों के साथ अक्सर गांव में आता था। तड़क-भड़क के साथ गांव में रहता था, लेकिन स्थानीय लोगों से मिलना-जुलना कम होता था। शिक्षा विभाग के बड़े लोगों से उसके मधुर संबंध रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक मामले में राजेश जेल जा चुका है।
2018 में गांव में उसने बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था। उसमें बिहार के एक बड़े नेता भी शामिल हुए थे। आरोपी तीन भाइयों में बड़ा है। मंझला भाई पंचायत रोजगार सेवक के पद पर है और छोटा भाई गांव में माता-पिता के साथ रहता है। गांव में करीब एक बीघा जमीन में बने मकान में दर्जनों कमरे हैं। खंजरपुर में भी पुश्तैनी हिस्सा मिला है। आरोपी की गिरफ्तारी के मामले में सजौर थानाध्यक्ष ने बताया कि इस तरह की कोई जानकारी नहीं है और विभागीय स्तर पर भी कोई सूचना नहीं है।