डेस्क:प्रतीक बब्बर और उनके पिता राज बब्बर के बीच अनबन की खबरें बीते दिनों सुर्खियों में रहीं। अब एक इंटरव्यू के दौरान प्रतीक ने बताया कि जब वह बड़े हो रहे थे तो मां और पिता न होने पर अजीब लगता था। लोग दया दिखाते थे। धीरे-धीरे उन्हें अपने मां-बाप से नफरत होने लगी थी। उनके अंदर यह युद्ध चलता रहता था कि क्या वह अपनी मां को प्यार करते भी हैं या नहीं।
बॉलीवुड बबल से बातचीत में प्रतीक बोले, ‘मैं अभी भी अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहा हूं।’ उन्होंने बताया कि वह खुद को स्मिता पाटिल का बेटा ही नहीं मानते थे। प्रतीक बोले, ‘मैं उनसे और अपने पिता से नफरत करने लगा था। उनकी गैरमौजूदगी में बड़े होना एक अलग ही फीलिंग थी, लोग मेरे साथ अलग तरह से व्यवहार करते थे, दया दिखाते थे। यह बहुत अलग तरह से था और इसलिए मुझे उन दोनों से नफरत होने लगी थी। मैं चाहता नहीं था कि उनसे जोड़ा जाए। तो लोग जितनी भी मेरी तुलना उनसे करते, मुझे लगता, जाने दो मुझे फर्क नहीं पड़ता है। मुझे परवाह ही नहीं थी। ऐसा लगता था जिसे जो कहना है कहने दो।’
प्रतीक अपनी मां स्मिता पाटिल के साथ जरा भी वक्त नहीं बिता पाए। उनके अंदर जद्दोजहद चलती रहती थी कि क्या वह अपनी मां को प्यार करते हैं। प्रतीक बताते हैं, ‘मेरे अंदर यह युद्ध चलता रहता था कि क्या मैं उन्हें (मां को) प्यार करता हूं? क्या मैं उन दोनों को प्यार करता हूं? क्या मैं उनका बेटा होना चाहता हूं? इन सबसे फर्क ही नहीं पड़ता था।’
प्रतीक बोले, ‘विद्रोह नफरत में बदल सकता है। अगर आप किसी ट्रॉमा से होकर गुजरे हैं तो अपने मां-बाप से नफरत करना आसान होता है, जब आपको लगे कि कुछ ठीक नहीं है।’ प्रतीक से पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी इस बारे में अपने पिता से बात करने की कोशिश की? इस पर जवाब दिया, ‘नहीं कर पाया। मेरा कभी उनसे वैसा रिश्ता रहा ही नहीं। हालांकि हमने चीजें सुधारने की कोशिश की। एक बॉन्ड बनाने की कोशिश की। मैं उनसे वैसी बातचीत नहीं कर पाया और ठीक भी है, सिचुएशन ही ऐसी है।’