डेस्क: महाकुंभ को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। कल्पवास से लेकर स्नान तक के लिए दुनियाभर से लोग प्रयागराज आ रहे हैं। दुनिया के अमीर परिवारों में से एक ऐपल के मालिक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स भी इस महाकुंभ में एक संन्यासी के रूप में दिखाई देंगी। उन्हें अपने गुरु निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से गोत्र मिला है। इसके साथ ही लॉरेन को एक नई पहचान मिली है।
प्रयागराज महाकुंभ के दौरान लॉरेन कमला बनकर सनातन धर्म को समझेंगी और यहां पर कथा और प्रवचन में शामिल होंगी। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन जॉब्स की सनातन धर्म में बहुत रुचि है। वो उन्हें अपने पिता के तुल्य मानती हैं और वो भी पुत्री का स्नेह देते हैं। प्रयागराज के महाकुंभ में स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें अपना गोत्र दिया और अब वो कमला नाम से जानी जाएंगी।
कमला बनी लॉरेंस फिलहाल वाराणसी में हैं। वाराणसी से अपनी 60 सदस्यीय टीम के साथ वह रविवार को प्रयागराज आएंगी। यहां के दो प्रमुख अमृत (शाही) स्नान में शामिल होंगी, जिसमें मकर संक्रांति का स्नान और मौनी अमावस्या का स्नान शामिल है। इसके बाद प्रयागराज से रवाना होंगी।
आपको बता दें कि लॉरेन जॉब्स का शनिवार को काशी में नया नामकरण हुआ। उनके गुरु श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें बेटी स्वीकारते हुए कुलनाम और गोत्र के साथ कमला नाम दिया। नामकरण के बाद कमला (लॉरेन) ने अपने गुरु के साथ बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन किया। उन्होंने गंगा में नौकायन के बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से होने वाली गंगा आरती भी देखी। उन्होंने बताया कि वह प्रयागराज महाकुम्भ में कल्पवास करेंगी। इस दौरान वह संतों के साथ रहकर आध्यात्मिक शांति की खोज करेंगी। प्रयाग में उनका प्रवास अधिकतम पांच दिनों का होगा।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि महाकुंभ का विराट आयोजन निर्विध्न संपादित हो, इस कामना से हमने महादेव से आशीर्वाद मांगा है। उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए अमेरिका से उनके शिष्य महर्षि व्यासानंद गिरि भी आए हैं। उनको महामंडलेश्वर बनाने का विधान जल्द पूरा होगा। उन्होंने कहा कि यदि कमला (लारेन पॉवेल जॉब्स) की इच्छा हुई तो वह 13 जनवरी को प्रयागराज में अखाड़े की पेशवाई में भी शामिल होंगी।
जॉब्स परिवार का सनातन से पुराना नाता
अमेरिकी जॉब्स परिवार का अध्यात्म से पुराना नाता है। स्टीव जॉब्स की बाबा नीम करौली में अगाध आस्था थी। वह उन्हें अपना गुरु मानते थे। वह 1970 के दशक में सात महीने के लिए आध्यात्मिक एकांतवास पर भारत आए थे। नैनीताल स्थित कैंची धाम भी गए थे। अपने दिवंगत पति स्टीव की तरह लॉरेन भी सनातन खास जुड़ाव रखती हैं।