डेस्क:लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर फंस गए हैं। 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना पर किए गए विवादित टिप्पणी को लेकर लखनऊ की एक अदालत ने उन्हें समन जारी किया है। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 24 मार्च तय की है। राहुल गांधी को लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होना होगा। यह यह तरह की एक विशेष अदालत है, जो सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करती है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने दिसंबर 2022 में अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान भारतीय सेना को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था, ‘चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के जवानों को पीट रहे हैं।’ उन्होंने यह टिप्पणी सरकार पर कटाक्ष के लिए की थी। यह बयान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की गतिविधियों को लेकर दिया गया था। इस टिप्पणी के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ और राहुल गांधी की तीखी आलोचना की गई।
भाजपा के कई नेताओं ने राहुल गांधी को “राष्ट्र-विरोधी” करार दिया। साथ ही, उन्होंने गांधी परिवार पर राजीव गांधी फाउंडेशन के जरिए चीन से धन और आतिथ्य प्राप्त करने का भी आरोप लगाया। हालांकि, इन आलोचनाओं के बावजूद राहुल गांधी ने चीन के मुद्दे पर सरकार को घेरना जारी रखा।
मार्च 2023 में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम पर की गई एक टिप्पणी के मामले में दोषी ठहराया गया था। गुजरात की एक अदालत ने इस मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में उन्हें राहत दी और उनकी सजा पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि निचली अदालत ने अधिकतम दो साल की सजा दी थी। यदि सजा एक दिन भी कम होती, तो उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जाता।