डेस्क:लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि डेटा का कंट्रोल चीन के पास है इसीलिए वह हमारी सीमा में घुसने की हिमाकत कर रहा है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन का फोकस किन बातों पर है, वह मैं यहां रखना चाहता हूं। इस देश का भविष्य देश का युवा तय करेगा। ऐसे में मुझे जो कुछ भी कहना है उनको ध्यान में रखकर ही कहना होगा। मैं जो कहना चाहता हूं मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी भी मानेंगे। हमने विकास किया है, तेजी से विकास किया है। हम भले ही धीरे-धीरे बढ़ रहे हों लेकिन हम बढ़ रहे हैं। लेकिन सही बात यह है कि हम बेरोजगारी से नहीं निपट पाए हैं। ना तो यूपीए की सरकार और ना ही एनडीए की सरकार भारत के युवाओं को रोजगार पर सही और स्पष्ट जवाब दे पाया है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की कुछ बातों पर मैं सहमत हूं। उन्होंने मेक इन इंडिया का प्रस्ताव रखा। यह अच्छा विचार था। राहुल गांधी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग की दर गिर गई है। 60 साल में सबसे कम मैन्युफैक्चरिंग रेट है। मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं देता हूं। उन्होंने कोशिश की लेकिन हो नहीं पाया। वह विफल हो गए। पहला सवाल है कि इसपर कोई अलग दृष्टिकोण है? कोई भी देश दो चीजों की व्यवस्था करता है। कंजप्शन और प्रोडक्शन। कृषि भी उत्पादन का एक साधन है। 1990 में सरकार ने बहुत अच्छा काम किया था। अब केवल रिलायंस और अडानी का विकास हो रहा है। लेकिन देश के तौर पर हम बहुत सारी कंपनियों को कंजप्शन बढ़ाने के लिए प्रेरित नहीं कर पाए। देश में महिंद्रा जैसी भी कंपनियां हैं। हमने प्रोडक्शन की जिम्मेदारी चीन पर छोड़ दी। अगर एक फोन ही ले लें तो यह मेड इन इंडिया नहीं बल्कि असेंबल्ड इन इंडिया है। इसमें सारे पुर्जे चीनी हैं।
राहुल गांधी ने कहा, चीन के लोग इसके प्रोडक्शन के लिए सैलरी लेते हैं। भारत को प्रोडक्शन पर फोकस करना पड़ेगा। अगर हम केवल कंजम्प्शन पर फोकस करेंगे तो समाज में गैरबराबरी बढ़ जाएगी। अगर आप देखें तो आंतरिक सुरक्षा और पुलिस पर खर्च बढ़ रहा है। राहुल गांधी ने कहा, आखिर रोजगार कहां से आएगा। एक बड़ा बदलाव हो रहा है। अब दुनिया पेट्रोल से बैट्री, विंड और सोलर एनर्जी से न्यूक्लियर एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। इससे सब कुछ बदलने वाला है।
सरकार का फोकस कम्प्यूटर रिवोलूशन पर भी होना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस की सरकार ने इसके लिए काम किया है। जब कंप्यूटर के बारे में चर्चा हुई थी तो लोग हंसते थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि इसका भारत में कोई महत्व नहीं है। इसलिए अब समझने की जरूरत है कि दुनिया में किस स्तर पर क्रांति हो रही है। अपने आपको पहचानने की जरूरत है कि हम कहां हैं।
उन्होंने कहा, यूक्रेन में युद्ध चल रहा है। वहां छोटे-छोटे ड्रोन बड़े-बड़े टैंक को खत्म कर देते हैं। ड्रोन एक इलेक्ट्रिक मोटर है। ड्रोन देखता भी है। उसी रह इलेक्ट्रिक कार में एक मोटर है, एक कैमरा है और एक बैट्री है। चार तकनीक ही सारे बदलवा कर रही है। बैट्री, इलेक्ट्रिक मोटर, ऑप्टिक्स और एआई। मैं युवाओं को बताना चाहता हूं कि लोग एआई की बात करते हैं। लेकिन एआई खुद से नहीं चल सकता। बिना डेटा के यह बेकार है। अगर डेटा देखें तो सारा डेटा पर चीन का अधिकार है।
राहुल गांधी, हमें युवाओं को बताना होगा कि चीन नहीं बल्कि हम इस क्रांति में आगे होंगे। हमें अपने युवाओं को बताना होगा कि भविष्य कहां है और भविष्य में क्या तकनीक आगे बढ़ने वाली है। उन्हें इस क्रांति में सहयोगी बनाना होगा। हम रक्षा की बात करते हैं। प्रधानमंत्री ने इनकार किया, सेना ने उनकी बात का खंडन किया कि चीन 4 हजार स्क्वायर किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर रहा है।
राहुल गांधी की इस बात पर किरण रिजिजू ने खड़े होकर विरोध किया। उन्होंने कहा, यह तो बहुत गंभीर समस्या है। आप यह कैसे कह सकते हैं। आपका बोलने का अधिकार है लेकिन सीरियस मामले पर आप कैसे बोल सकते हैं। यह देश के लिए ठीक नहीं है। आपको गंभीर होना पड़ेगा।
राहुल गांधी ने फिर कहा, प्रधानमंत्री ने इनकार किया कि चीन के लोग हमारे देश में घुस आए हैं। इसे चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने स्वीकार किया। यह तथ्य है। इसका कारण क्या है यह महत्वपूर्ण है। लोग सोचते हैं कि युद्ध आर्मी और उनके हथियारों के बीच है। लेकिन सही बात यह है कि यह युद्ध औद्योगिक सिस्टम को लेकर है। चीन के पास औद्योगिक व्यवस्था है जो कि हमारी व्यवस्था से ज्यादा मजबूत है। इसीलिए चीन के पास भारत में घुसने का दम है। मेक इन इंडिया फेल हो गया इसलिए चीन यह हिमाकत कर रहा है। हमने इस क्रांति को भी चीन को सौंप दिया है।
राहुल गांधी ने कहा, इस क्रांति का फायदा उठाने के लिए अमेरिका और भारत को मिलकर काम करना होगा। वे बिना हमारे इंडस्ट्रियल सिस्टम नहीं बना सकते। जो काम भारतीय कर सकते हैं वह अमेरिकी नहीं कर सकते। हम वह बना सकते हैं जो अमेरिका सोच भी नहीं सकता। यह राष्ट्रपति के अभिभाषण की पहली बात होनी चाहिए थी। दूसरा पार्ट सहभागिता को लेकर है। तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण हुआ। तेलंगाना का 90 फीसदी आबादी या तो पिछड़ी जाति से है, अल्पसंख्यक है या फिर दलित है। यही कहानी पूरे देश की है। ओबीसी आबादी इस देश की 50 फीसदी से कम नहीं है। 16 फीसदी दलित हैं और 9 फीसदी आदिवासी हैं। 15 फीसदी अल्पसंख्यक हैं। यह बजट एक फोटोग्राफ की तरह था। आपको हलवा बांटने वाला फोटो याद होगा। मैं हैरान हो गया कि इस बार फोटो ही हटा दिया गया। हलवा खिलाया लेकिन दिखाया नहीं कि किसको खिलाया गया।
राहुल गांधी ने कहा, महाराष्ट्र में पांच महीने के अंदर जितने वोटर जोड़े गए उतने पांच साल में नहीं हो सके। यह सब लोकसभा चुनाव के बाद हुआ। एक इमारत में ही सात हजार नए वोटर जोड़े गए हैं। मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि इसमें कुछ ना कुछ गड़बड़ है। हमने चुनाव आयोग से बार-बार कहा कि हम आरोप नहीं लगा रहे। आप बस लोकसभा की वोटर लिस्ट दे दीजिए और विधानसभा की वोटर लिस्ट दे दीजिए। उन्होने कहा, आरएसएस चीफ कहते हैं कि 1947 में आजादी ही नहीं मिली।