जयपुर:राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव होना है, इसबीच राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में सब ठीक नहीं चल रहा है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का मनमुटाव आने वाले चुनाव में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हालांकि राज्य कांग्रेस के नेता लगातार यह दावा कर रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी में सब ठीक है, लेकिन अलग-अलग मौकों पर दोनों नेताओं के बीच का यह विवाद सामने आ ही जाता है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले चुनाव में अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो कांग्रेस को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं ये भी हैं कि चुनाव के पहले पायलट एकबार शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं और अगर इसके बाद भी बात नहीं बनी तो संभव है कि वो कांग्रेस का साथ छोड़ दें।
पायलट के साथ को बेताब पार्टियां
सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह ही पायलट को भी भारतीय जनता पार्टी में लाने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर हाल ही में आप नेता संजय सिंह भी पायलट की तारीफ कर उन्हें ‘निमंत्रण’ दे चुके हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली और पंजाब के बाद राजस्थान में जमीन तलाशने में जुटी आम आदमी पार्टी पायलट को पार्टी में शामिल कराने की कोशिश कर सकती है। आप से जुड़े एक स्थानीय नेता ने बताया कि राजस्थान में अगर पार्टी को पायलट का साथ मिल जाता है तो उसके लिए सत्ता का रास्ता काफी आसान हो जाएगा।
दो साल पहले शुरू हुआ था विवाद
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में पायलट और गहलोत के बीच का विवाद सामने आया था। हालात कुछ ऐसे थे कि गहलोत को अपने विधायकों को 34 दिनों तक होटल में रखना पड़ा था। हालांकि आलाकमान के दखल के बाद विवाद शांत हुआ था और सूबे में गहलोत सरकार बच गई थी। लेकिन इसके बाद भी लगातार दोनों नेता इशारों-इशारों में एक दूसरे के खिलाफ तल्ख बयान देते हुए राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ाते रहे थे।