जयपुर:राजस्थान पशुपालन विभाग में 300 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले जाने के फलस्वरूप पशुधन सहायकों के नवसृजित 300 पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी गई है। पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किये जाने के उद्धेश्य से 300 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्रों की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि मार्च 2022 में जारी विज्ञप्ति अनुसार 1136 पदों पर पशुधन सहायकों की भर्ती में नव सृजित तीन सौ पशुधन सहायकों के पदो को शामिल किये जाने का निर्णय लिया गया है और अब यह भर्ती 1436 पदों के लिए होगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता 65 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन पदक विजेता खिलाड़ियों में से 46 को लिपिक ग्रेड-द्वितीय के पद पर, 14 को वनपाल के पद पर, 3 को आबकारी रक्षक के पद पर तथा 2 को कांस्टेबल के पद पर आउट ऑफ टर्न नियुक्ति प्रदान की गई है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पशुपालन अधीनस्थ सेवा नियम, 1977 एवं राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी सेवा नियम, 2014 के अन्तर्गत पशुपालन विभाग, राजस्थान के लिये पशुधन सहायक के कुल 1136 पदों पर भर्ती हेतु कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 11 मार्च, 2022 को विज्ञप्ति जारी कर ऑनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। राज्य सरकार ने 300 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले जाने के लिए हाल ही में प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी करते हुए पशुधन सहायकों के तीन सौ नवीन पदों का सजृन किया था। कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार ने त्वरित निर्णय करते हुए इन नवसृजित पदों को भी भर्ती में षामिल किया है। उन्होंने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों के उपलब्ध होने से विभागीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं को गति मिलने के साथ-साथ प्रदेश के पशुपालक भी लाभान्वित हो सकेगें।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता 65 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन पदक विजेता खिलाड़ियों में से 46 को लिपिक ग्रेड-द्वितीय के पद पर, 14 को वनपाल के पद पर, 3 को आबकारी रक्षक के पद पर तथा 2 को कांस्टेबल के पद पर आउट ऑफ टर्न नियुक्ति प्रदान की गई है। प्रस्ताव के अनुसार, इन राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेताओं को राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मैडल विनर रूल्स-2017 के तहत उनकी प्रथम वरीयता अनुसार आनुपातिक रूप से विभागों का आवंटन किया गया है। उल्लेखनीय है कि जो खिलाड़ी स्वर्ण पदक विजेता होने के साथ-साथ स्नातकोत्तर या स्नातक की योग्यता रखते हैं, उन्हें उनकी प्रथम वरीयता के अनुसार शासन सचिवालय तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग में नियुक्ति दी गई है। मुख्यमंत्री की इस मंजूरी से खिलाड़ियों को राजकीय सेवा में कार्य करने के साथ-साथ अपनी खेल गतिविधियों को सुचारू रूप से जारी रखने में आसानी होगी।