भरतपुर:राजस्थान के भरतपुर में रामनवमी के त्यौहार पुलिस और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों के बीच विवाद खड़ा हो गया। दरअसल शहर में एक धार्मिक स्थल के पास दुकानों पर बज रही रामध्वनि और भजनों को पुलिस द्वारा बंद करा दिया गया, जिसके बाद हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने विवाद शुरू कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, शहर में रामधुन और राम भजन बज रहे थे। पास में ही एक मस्जिद भी थी। इसी दौरान मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने रामधुन को बंद करा दिया। रामधुन बंद कराने की सूचना पर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद काफी देर तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच विवाद बना रहा।
दरअसल श्रीराम जन्मोत्सव समिति की तरफ से शहर में शोभायात्रा निकाले जाने का निर्णय लिया गया था। शहर के मुख्य बाजार में भगवान राम को लेकर तुलसीदासजी का संदेश देने के लिए चौपाइयां व रामधुन बजाई जा रही थी। इसबीच कुछ लोगों ने विरोध किया तो मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने साउंड बंद करा दिया। हालांकि बाद में हिंदू संगठनों के विरोध के बाद साउंड बजाने की अनुमति मिल गई।
यह बोले पुलिस अफसर
मामले को लेकर पुलिस अफसरों का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि रामधुन की जगह माइक के जरिए भड़काऊ गाने बजाए जा रहे हैं, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस की जांच में सूचना गलत पाई गई। वहां कोई विवाद नहीं हुआ है, लोगों को समझाने के बाद रामधुन और भजन बजाने की अनुमति दे दी गई है।