नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ गठबंधन नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी एनडीए का संख्या बल राज्यसभा में कम हो गया। इसकी वजह शनिवार को चार मनोनीत सदस्यों का रिटायर होना रहा। फिलहाल, एक ओर जहां भाजपा के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 86 है। वहीं। एनडीए 101 पर है। इधर, कांग्रेस ऊपरी सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद अपने हिस्से में करती नजर आ रही है।
शनिवार को रिटायर होने वाले सांसदों में राकेश सिन्हा, राम सकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी का नाम शामिल है। खास बात है कि ये सभी मनोनीत सांसद भाजपा के पक्ष में रहे थे। हालांकि, एक और सांसद हैं गुलाम अली, जो सितंबर 2028 को रिटायर होने जा रहे हैं। फिलहाल, राज्यसभा में 226 सांसद हैं और 19 पद खाली हैं।
कितना पड़ेगा असर
कहा जा रहा है कि मौजूदा स्थिति में भी एनडीए आगामी बजट सत्र में कई विधेयक पारित करा सकता है। इसकी वजह 7 गुटनिरपेक्ष मनोनीत, 2 निर्दलीय और AIADMK और YSRCP जैसे करीबी दलों का समर्थन है। खास बात है कि मनोनीत वर्ग में जल्द से जल्द सांसदों को सदन में लाना अन्य पर निर्भरता कम करने के लिहाज से एनडीए के लिए जरूरी होगा।
राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करते हैं। फिलहाल, 7 सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने खुद को गुटनिरपेक्ष रखा है। इसके अलावा ऊपरी सदन में 19 पद खाली हैं। इनमें 4 मनोनीन, 4 जम्मू-कश्मीर हैं। इसके बाद असम, बिहार और महाराष्ट्र में 2-2, हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में 1-1 हैं। इस लिहाज से इनकी संख्या 11 हो गई है। इन 11 सीटों में से 10 पिछले महीने ही खाली हुई हैं, क्योंकि कई सांसद लोकसभा में निर्वाचित हो चुके हैं।
आगे क्या हो सकती है स्थिति
आने वाले महीनो में इन 11 में से 8 सीटें संभावित रूप से एनडीए को मिल सकती हैं। जबकि, 3 विपक्षी गठबंधन INDIA के खाते में जा सकती है। इनमें एक सीट तेलंगाना से भी हो जो कांग्रेस को मिल सकती है। इसके बाद कांग्रेस का आंकड़ा 27 पर जा सकता है।