अयोध्या:कार्तिक परिक्रमा एवं पूर्णिमा स्नान मेला का शुभारंभ शनिवार को 14 कोसी परिक्रमा के साथ होगा। रामनगरी की 14 कोसी कार्तिक शुक्ल नवमी यानी अक्षय नवमी के पर्व पर होती है। करीब 50 किमी के इस परिक्रमा में औसतन 8-10 घंटे का समय लगता है। नंगे पांव चलने वाली इस परिक्रमा के लिए मार्ग को सुगम बनाने के लिए मेला प्रशासन के पास बालू का ही विकल्प है, इसके चलते परिक्रमा पथ पर पर्याप्त बालू का छिड़काव किया गया है। उधर परिक्रमा को लेकर अयोध्या में श्रद्धालुओं का आगमन भी शुरू हो गया है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपने-अपने गुरु धामों में आश्रय ले रहे हैं।
इस बीच परिक्रमा का मुहूर्त अक्षय नवमी की तिथि शुरू होने के साथ ही प्रायः होता रहा है। इस लिहाज से नवमी तिथि शनिवार को सायं 6.32 मिनट पर लगने के साथ रविवार को सायं 4.45 बजे तक रहेगी। 14 कोसी परिक्रमा इसी मध्य चलेगी। प्रायः इस परिक्रमा को श्रद्धालु रात्रि में ही करते हैं जिससे धूप से राहत मिलती है और ठंडे वातावरण में परिक्रमा आसान हो जाती है। इस परिक्रमा में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालु किसी एक नियत स्थान से परिक्रमा की शुरुआत नहीं करते बल्कि अपनी सुविधानुसार पूरे परिक्रमा की परिधि में किसी भी स्थान से परिक्रमा शुरू करते हैं लेकिन उनकी परिक्रमा वहीं पूरी होती है जिस परिक्रमा की परिधि से श्रद्धालु ने शुरुआत की थी।
अक्षय नवमी की तिथि को लेकर ऐसी धारणा है कि इस पर्व पर किए गये किसी भी पुण्य का क्षय नहीं होता। इसलिए लाखों श्रद्धालु पुण्यार्जन के लिए यहां आते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि परिक्रमा पथ में पग-पग चलने पर जीवन के पापों का नाश होता है। अक्षय नवमी की तिथि आंवला नवमी के नाम से भी प्रसिद्ध है। कार्तिक मास पर्यन्त श्रद्धालु गण पवित्र नदियों में सुबह-शाम स्नान के साथ तुलसी व आंवले के वृक्ष का नियमित पूजन व दीपदान करते हैं।