डेस्क:पश्चिम बंगाल में आगामी 6 अप्रैल को रामनवमी के मौके पर हिंदू संगठनों को हाईकोर्ट ने सशर्त जुलूस निकालने की इजाजत दी है। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कमर कस ली है और पूरे प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
संवेदनशील इलाकों में तैनात 29 आईपीएस अधिकारी
राज्य सरकार ने संवेदनशील इलाकों में 29 आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की है। वहीं, कोलकाता में 5,000 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। रामनवमी के जुलूसों की निगरानी के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग और ड्रोन कैमरों का सहारा लिया जाएगा।
खुफिया रिपोर्ट से बढ़ी सतर्कता
पुलिस के अनुसार, खुफिया रिपोर्ट में रामनवमी की आड़ में अशांति फैलाने की आशंका जताई गई है। ऐसे में कोलकाता, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, अलीपुरद्वार और कूचबिहार में अतिरिक्त पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है।
2 साल में दो बार हो चुकी हिंसा
पिछले दो वर्षों में राज्य में रामनवमी के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई हैं। 2023 में हुगली और हावड़ा में जुलूस के दौरान पत्थरबाजी हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।
राजनीतिक पारा भी चढ़ा
रामनवमी को लेकर बंगाल में सियासत भी तेज हो गई है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि इस बार डेढ़ करोड़ हिंदू रामनवमी पर घरों से निकलेंगे। उन्होंने नंदीग्राम में अयोध्या की तर्ज पर राम मंदिर बनाने और उसकी आधारशिला रामनवमी पर रखने की घोषणा की है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि रैलियों पर हमला हुआ, तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी।
महाराष्ट्र और झारखंड में भी अलर्ट
महाराष्ट्र सरकार ने भी सभी पुलिस इकाइयों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। झारखंड में रामनवमी शोभायात्राओं के मार्गों पर बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से रोकने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है, ताकि किसी को करंट लगने जैसी दुर्घटना न हो। कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के पुराने आदेश में संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया। झारखंड बिजली वितरण निगम को हलफनामा देकर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बिजली आपूर्ति केवल आवश्यक समय के लिए ही रोकी जाएगी।