रंगभरी एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह एकादशी होली से ठीक पहले आती है और इसे भगवान विष्णु तथा भगवान शिव की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है। 2025 में यह पावन तिथि और भी शुभ होने वाली है क्योंकि इस दिन तीन विशेष योग बन रहे हैं, जो इसे आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत फलदायी बना रहे हैं।
रंगभरी एकादशी का महत्व
रंगभरी एकादशी को विशेष रूप से काशी में धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव माता पार्वती के साथ होली खेलते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसे श्री विष्णु जी की उपासना का भी विशेष दिन माना जाता है, क्योंकि एकादशी का संबंध श्रीहरि से है।
2025 में रंगभरी एकादशी पर बनने वाले शुभ योग
इस वर्ष रंगभरी एकादशी पर तीन शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे अत्यंत फलदायी बना रहे हैं:
- सर्वार्थ सिद्धि योग – यह योग किसी भी कार्य में सफलता दिलाने वाला होता है। इस दिन पूजा-पाठ, दान और व्रत करने से विशेष लाभ मिलेगा।
- रवि योग – रवि योग में किए गए कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं। यह योग व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होता है।
- अमृत सिद्धि योग – इस योग में किए गए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
रंगभरी एकादशी की पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु और शिव-पार्वती की पूजा करें।
- तुलसी दल, पुष्प, फल, पंचामृत और धूप-दीप अर्पित करें।
- श्री विष्णु सहस्रनाम या शिव चालीसा का पाठ करें।
- रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करें।
- जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
व्रत और दान का महत्व
इस दिन व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस दिन दान-पुण्य करने से कई गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
निष्कर्ष
2025 में रंगभरी एकादशी तीन शुभ योगों के साथ और भी विशेष बन गई है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु और शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन में सुख-समृद्धि आएगी। 🌸🙏