डेस्क:सोशल मीडिया सिलेब्रिटी और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने सोमवार को उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि आप अपना पॉडकास्ट ‘द रणवीर शो’ शुरू कर सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि उसमें प्रसारित की जाने वाली सामग्री सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सही हो। उसमें सभी की संवेदनशीलता का ख्याल रखा जाए। अदालत ने कहा कि आपको अपने कॉन्टेंट में नैतिकता और शालीनता बनाए रखने की गारंटी देनी होगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने इलाहाबादिया की इस दलील पर गौर किया कि पॉडकास्ट उनकी आजीविका का एकमात्र स्रोत है और उनके द्वारा काम पर रखे गए लगभग 280 लोग इस शो पर निर्भर हैं।
बेंच ने इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम राहत को अगले आदेश तक बढ़ा दिया तथा उन्हें गुवाहाटी में जांच में शामिल होने को कहा। केंद्र और महाराष्ट्र, असम एवं ओडिशा जैसे राज्यों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विवादास्पद यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ पर की गई टिप्पणी न केवल अश्लील हैं, बल्कि अनुचित भी है। उन्होंने अदालत से कोई भी शो को प्रसारित नहीं करने की शर्त में बदलाव नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘उन्हें कुछ समय के लिए चुप रहने दें।’ बेंच ने इलाहाबादिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ से कहा कि मौलिक अधिकार थाली में (परोस कर) नहीं मिलते, बल्कि उनके साथ कुछ पाबंदियां और कर्तव्य भी जुड़े होते हैं।
इस तरह अदालत ने साफ कर दिया कि हर बात को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या फिर रचनात्मक स्वतंत्रता के आधार पर डिफेंड नहीं किया जा सकता। इस दौरान अदालत ने यह भी कहा कि इसी मामले के बहाने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परिभाषा भी तय हो जानी चाहिए। जस्टिस ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘ये युवा सोच सकते हैं कि हम पुराने ढंग के (आउटडेटेड) हैं, लेकिन हम जानते हैं कि उनसे कैसे निपटना है। अदालत को हल्के में न लें।’ बेंच ने इलाहाबादिया पर पाबंदी लगाते हुए कहा कि वह अपने शो में इस मामले से जुड़ी कोई बात नहीं कहेंगे। इस बीच केंद्र को निर्देश दिया गया कि वह सोशल मीडिया कॉन्टेंड को लेकर कैसे नियम तय किए जाएं। इस पर एक ड्राफ्ट बनाया जाए। इस ड्राफ्ट पर जनता के सुझाव भी लिए जा सकते हैं।
हालांकि पीठ ने इलाहाबादिया को फिलहाल विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले की जांच में शामिल होने के बाद उनके अनुरोध पर विचार किया जाएगा। इलाहाबादिया के खिलाफ कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में माता-पिता और सेक्स पर की गई टिप्पणी के लिए कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। उच्चतम न्यायालय ने 18 फरवरी को रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और उनकी टिप्पणी को ‘अश्लील’ करार देते हुए कहा था कि उनकी ‘विकृत मानसिकता’ से समाज को शर्मिंदा होना पड़ा।