2019 के मुकाबले 19 % ज्यादा
2020 में राजस्थान में रेप के मामले 5310 थे और 2021 में 19.34% की बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 6337 बलात्कार के मामलों में, 4885 पीड़ित 18 साल से ऊपर के थे और 1452 नाबालिग थे।
चार पीड़ित 60 साल से ज्यादा उम्र के
18 पीड़ित 6 साल से कम उम्र के थे 64 पीड़िच 6-12 वर्ष के आयु वर्ग में थे। 12-16 वर्ष के आयु वर्ग में 442 और 929 16-18 वर्ष के आयु वर्ग के। बलात्कार पीड़ितों की अधिकतम संख्या (3265) 18-30 वर्ष के आयु वर्ग में थी। और 4 बलात्कार पीड़ितों की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी।
95 % से ज्यादा आरोपी जान-पहचान वाले
रिपोर्ट का आश्चर्यजनक हिस्सा यह था कि राज्य में आधे से ज्यादा बलात्कार के मामले पारिवारिक मित्रों, पड़ोसियों, कर्मचारियों या किसी जानने वाले व्यक्तियों द्वारा किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बलात्कार के 95% मामलों में आरोपी पीड़िता को किसी न किसी रूप में जानते थे।
अनुसूचित जातियों के खिलाफ बढ़े हैं अपराध
राज्य ने अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध में भी वृद्धि देखी है। 2019 में, राज्य ने 6794 मामले दर्ज किए, जो 2020 में बढ़कर 7017 और 2021 में 7524 हो गए। इसी तरह, अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराधों की संख्या में भी वृद्धि हुई है – 2019 में राज्य में 1797 मामले दर्ज किए गए, जो 2020 में बढ़कर 1878 और 2021 में 2121 हो गए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में दूसरे नंबर पर
महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी राजस्थान, उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है। राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगभग 17.6% की वृद्धि देखी गई है, और उत्तर प्रदेश के साथ 40738 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश क्रमशः 39,526, 35,884 और 30673 मामलों के साथ तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं।
मुफ्त पंजीकरण है मामलों के बढ़ने की वजह:वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामलों की बढ़ती संख्या में मुफ्त पंजीकरण का योगदान है। राज्य सरकार का यह आदेश है कि कोई भी शिकायतकर्ता, विशेषकर महिलाएं बिना शिकायत दर्ज किए वापस न आएं। यहां तक कि एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि अपराध में वृद्धि और पुलिस द्वारा अपराध के पंजीकरण में वृद्धि दो अलग-अलग चीजें हैं।
विपक्ष ने बताई राज्य सरकार की विफलता
जबकि विपक्षी भाजपा ने रिपोर्ट पर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है,
महिला आयोग की अध्यक्ष की राय
राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष का मानना था कि कई मामले फर्जी पाए जाते हैं।
बढ़ते मामलों पर टिप्पणी करते हुए राजस्थान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि मामलों में वृद्धि चिंताजनक है, लेकिन जांच के दौरान कई मामले फर्जी पाए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि निश्चित तौर पर चिंताजनक स्थिति है लेकिन दूसरा पहलू यह है कि जांच के दौरान कई मामले फर्जी पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आयोग, पुलिस को फर्जी मामले दर्ज करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी लिख रहा है।