डेस्क:‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल)’ ने यह कहते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द के लिए अपना ट्रेडमार्क आवेदन वापस ले लिया है कि उसके एक कनिष्ठ अधिकारी ने अनजाने में यह आवेदन दे दिया था, जबकि इसके लिए वह अधिकृत नहीं था। ‘रिलायंस’ ने एक बयान में कहा कि उसका ‘‘ऑपरेशन सिंदूर (शब्द) को ट्रेडमार्क बनाने का कोई इरादा नहीं है। यह एक ऐसा शब्द है, जो अब भारतीय बहादुरी के एक प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा बन गया है।’’ भारतीय सशस्त्रबलों ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के विरुद्ध जो कार्रवाई की है उसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है।
रिलायंस ने कहा, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई जियो स्टूडियोज ने अपना ट्रेडमार्क आवेदन वापस ले लिया है, जिसे एक कनिष्ठ अधिकारी ने अनजाने में दे दिया था, जबकि इसके लिए वह अधिकृत नहीं था।’’ इससे पहले, चार आवेदन बुधवार को पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक के कार्यालय में दायर किए गए थे, जिसमें ऑडियो एवं वीडियो सामग्री जैसी मनोरंजन संबंधी सेवाओं के लिए इस शब्द का उपयोग करने की मांग की गई थी। उनमें एक आवेदन रिलायंस का था। सभी चार आवेदकों ने सात मई को सुबह 10.42 बजे और शाम 6.27 बजे के बीच ‘नाइस’ वर्गीकरण के वर्ग 41 के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन दिया था, जिसमें शिक्षा और प्रशिक्षण सेवाएं, फिल्म और मीडिया उत्पादन, लाइव प्रदर्शन एवं कार्यक्रम, डिजिटल सामग्री वितरण और प्रकाशन तथा सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां शामिल हैं।
इस वर्ग का उपयोग अक्सर ओटीटी मंचों, प्रोडक्शन हाउस, प्रसारकों और ‘इवेंट कंपनियों’ द्वारा किया जाता है, जो यह बताता है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक फिल्म शीर्षक, वेब शृंखला या वृत्तचित्र ब्रांड बन सकता था। रिलायंस ने मनोरंजन, प्रकाशन और भाषा प्रशिक्षण के लिए आवेदन दिया। पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक ने आवेदकों के जो आवेदन प्रदर्शित किये हैं, उससे यह सामने आया है।
मुकेश अंबानी की यह कंपनी बुधवार को पेटेंट के लिए सबसे पहले आवेदन करने वाली कंपनी थी, जिसके बाद तीन और ने आवेदन किया। उनमें एक मुंबई निवासी, भारतीय वायुसेना का एक सेवानिवृत्त अधिकारी और दिल्ली का एक वकील है। बयान में कहा गया है, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसके संबंधित सभी पक्षधारकों को ऑपरेशन सिंदूर पर बहुत गर्व है, जो पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद की बुराई के खिलाफ भारत की दृढ़ लड़ाई में हमारे बहादुर सशस्त्र बलों की गौरवपूर्ण उपलब्धि है।’’
रिलायंस ने कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार और सशस्त्र बलों के साथ पूरी तरह से खड़ा है। उसने कहा, ‘‘…‘इंडिया फर्स्ट’ के आदर्श वाक्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।’’
और किसने किया है अप्लाई?
रिलायंस के अलावा, मुंबई के मुकेश चेत्रम अग्रवाल, जम्मू के ग्रुप कैप्टन कमल सिंह (रिटायर्ड) और दिल्ली के अलोक कोठारी ने भी इसी नाम के लिए ट्रेडमार्क अप्लाई किया है। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 7 मई को सुबह 10:42 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए ट्रेडमार्क आवेदन दाखिल करने वाली पहली कंपनी है। अगले 24 घंटों के भीतर बाकी 3 आवेदन दाखिल किए गए, जिनमें अधिनियम की कक्षा 41 के तहत विशेष अधिकार मांगे गए, जिसमें मनोरंजन, शिक्षा, सांस्कृतिक और मीडिया सेवाएं शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की भारत पोर्टफोलियो आवेदन वेबसाइट पर 7 मई, 2025 को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे तक की जानकारी दी गई है।
पहले भी हो चुका है ऐसा
2019 के पुलवामा हमले के बाद “सर्जिकल स्ट्राइक” जैसे नामों पर कई फिल्में बनीं और ट्रेडमार्क अप्लाई किए गए। 2016 के उरी हमले के बाद “सर्जिकल स्ट्राइक” नाम से एक मूवी भी आई थी। इसी तरह, रिलायंस भी शायद “ऑपरेशन सिंदूर” नाम से कोई फिल्म, वेब सीरीज या कंटेंट बनाना चाहती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
7 मई की रात, रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। सरकार ने कहा, “हमने वादा किया था कि जिम्मेदारों को सबक सिखाया जाएगा, और हमने ऐसा किया।”