डेस्क:रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यूक्रेनी सेना ने दो चीनी नागरिकों को पकड़ा है, जो रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे। यह घटना पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में हुई। यह पहली बार है जब तीन साल से चल रहे युद्ध में किसी चीनी नागरिक को यूक्रेन में लड़ते हुए पकड़ा गया है।
जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “हमारी सेना ने दो चीनी नागरिकों को पकड़ा है, जो रूसी सैनिकों के साथ मिलकर यूक्रेन की धरती पर लड़ रहे थे। हमारे पास उनके दस्तावेज, बैंक कार्ड और व्यक्तिगत जानकारी मौजूद है।”
जेलेंस्की ने यह भी कहा कि यह सिर्फ दो लोगों की बात नहीं है। “हमें जानकारी मिली है कि कब्जे वाली यूनिट्स में दो से अधिक चीनी नागरिक हो सकते हैं। हमारी खुफिया एजेंसियां, सुरक्षा सेवाएं और सशस्त्र बल इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
राष्ट्रपति ने यूक्रेन के विदेश मंत्री को निर्देश दिया है कि वे तुरंत बीजिंग से संपर्क करें और इस मामले पर चीन की प्रतिक्रिया जानें। उन्होंने कहा, “रूस द्वारा चीनी नागरिकों को इस यूरोपीय युद्ध में शामिल करना, चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से हो या अप्रत्यक्ष रूप से, यह दर्शाता है कि पुतिन युद्ध को खत्म करने के पक्ष में नहीं हैं बल्कि इसे और बढ़ाना चाहते हैं।”
चीन के तटस्थ रवैये पर उठे सवाल
इस घटनाक्रम के बाद यूक्रेन के उप विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा ने कीव में एक चीनी अधिकारी को तलब किया और इस पर स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि यह घटना चीन के तटस्थता और शांति के दावों पर सवाल खड़ा करती है और एक स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य के रूप में उसकी साख को कमजोर करती है।
फिलहाल चीन की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि पहले चीन ने युद्ध में तटस्थ रहने और हथियार न देने की बात कही थी। लेकिन इस घटना के बाद रूस-चीन संबंधों को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है। यह भी जांच का विषय है कि आखिर चीनी नागरिक रूसी सेना में कैसे शामिल हुए। इस खुलासे से कई अहम बातें सामने आ सकती हैं।