मॉस्को: भारत के खिलाफ आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक समर्थन जुटाने के क्रम में रूस पहुंचे भारतीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि रूस की ओर से भारत को हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन का आश्वासन संतोषजनक और निर्णायक रहा।
डीएमके सांसद कनिमोळी करुणानिधि के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राजनयिक नेतृत्व से विस्तारपूर्वक चर्चा की और पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद, विशेषकर हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की स्थिति पर भारत की चिंता से उन्हें अवगत कराया।
शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्रालय ने भी भारत के साथ मिलकर सभी रूपों में आतंकवाद के खिलाफ “निर्णायक और समझौता रहित संयुक्त संघर्ष” के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
“पाक की परमाणु धमकी अस्वीकार्य”: कनिमोळी
48 घंटे की यात्रा के समापन पर आयोजित प्रेस वार्ता में सांसद कनिमोळी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा दी गई परमाणु हमले की धमकियाँ अस्वीकार्य हैं और भारत किसी भी प्रकार की सैन्य उकसावे की स्थिति में दृढ़ता से जवाब देगा।
उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान आतंकवादियों को संरक्षण देता है और फिर झूठा प्रचार करता है। जब तक पाकिस्तान हम पर हमला करता रहेगा, हम शांति वार्ता के लिए मेज पर नहीं बैठ सकते।”
“पाकिस्तानी जनता नहीं, बल्कि सेना और सरकार जिम्मेदार”
आप सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने कहा, “मैं पंजाबी हूं और हाल ही में पाकिस्तान गया था। वहाँ के लोग दोस्ताना हैं और भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन उनकी सेना और सरकार भारत के खिलाफ हैं।”
पूर्व राजदूत मंजीव पुरी ने कहा कि पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के चलते शांति वार्ता कठिन हो जाती है। “हम किससे बातचीत करें – सरकार से या सेना से, जो ‘ग़ैर-राज्य तत्वों’ के नाम पर आतंकवाद से पल्ला झाड़ते हैं? अगर वे उन्हें नियंत्रित नहीं कर सकते, तो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करना चाहिए।”
रूस से मिली कूटनीतिक आश्वस्ति
शुक्रवार को रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेन्को, पूर्व प्रधानमंत्री मिखाइल फ्राडकोव और रूसी संसद के दोनों सदनों के वरिष्ठ सदस्यों से प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। वार्ता में अप्रैल 22 को हुए पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद के बदले हुए परिदृश्य पर चर्चा हुई।
कनिमोळी ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान की आम जनता के खिलाफ नहीं है। “नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री मोदी तक सभी ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश की है, लेकिन हमें हमेशा आतंकवाद से जवाब मिला।”
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि भी दी। अब यह प्रतिनिधिमंडल अपनी पांच देशों की यात्रा के अगले पड़ाव के लिए रवाना हो चुका है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य सदस्य:
- राजीव राय (सपा)
- मियां अल्ताफ़ अहमद (नेकां)
- कैप्टन बृजेश चौटा (भाजपा)
- प्रेम चंद गुप्ता (राजद)
- राजदूत जावेद अशरफ़
रूसी विदेश मंत्रालय का वक्तव्य:
“सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ समझौता रहित साझा संघर्ष की प्रतिबद्धता दोहराई गई। यूएन, ब्रिक्स, एससीओ जैसे मंचों पर इस दिशा में सहयोग बढ़ाने की तत्परता भी जाहिर की गई,” – यह बात शुक्रवार को भारत-रूस वार्ता के बाद रूसी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कही गई।
इससे पहले रूसी संसद के ड्यूमा की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लुत्स्की की अध्यक्षता में एक गोलमेज बैठक हुई, जिसमें सभी दलों के रूसी सांसदों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल ने रूसी फेडरेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष आंद्रे डेनिसोव से भी मुलाकात की।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और वैश्विक जनमत निर्माण
यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय भारतीय दलों में से एक है, जिन्हें 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा गया है ताकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और भारत की सैन्य प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की स्थिति से अवगत कराया जा सके।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, जिसका भारत ने सख्त जवाब दिया।
10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद सैन्य गतिविधियों को रोकने पर सहमति बनी और ज़मीनी संघर्ष थम गया।