• Latest
  • Trending
  • All
  • बिजनेस
रूस से लेनदेन पर भारत को अमेरिका की चेतावनी

रूस से लेनदेन पर भारत को अमेरिका की चेतावनी

March 31, 2022
मेघरज में अध्यात्म की वर्षा करने पधारे अध्यात्म जगत के महामेघ महाश्रमण

मेघरज में अध्यात्म की वर्षा करने पधारे अध्यात्म जगत के महामेघ महाश्रमण

June 1, 2025
अमित शाह

अमित शाह ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा: भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में भारी भाषण

June 1, 2025
बच्ची की माफी, समाज की बेबसी, और सत्ता की साज़िश

बच्ची की माफी, समाज की बेबसी, और सत्ता की साज़िश

June 1, 2025
वसुंधरा राजे

राजनीति में ‘ठसक’ अभी ज़िंदा है: वसुंधरा राजे का मंचीय जलवा

June 1, 2025
लालू यादव

तेज प्रताप की भावनात्मक बगावत: राजद में जयचंद कौन?

June 1, 2025
कोविड

देश में फिर बढ़ा कोरोना, 3,000 पार

June 1, 2025
झूठ की चादर फाड़कर खड़ी हुई भारत की सैन्य सच्चाई!

झूठ की चादर फाड़कर खड़ी हुई भारत की सैन्य सच्चाई!

June 1, 2025
ऑपरेशन सिंदूर की आंच और पाक-परस्त विमर्श की राख

ऑपरेशन सिंदूर की आंच और पाक-परस्त विमर्श की राख

June 1, 2025
प्रशांत किशोर

क्या बिहार चुनाव 2025 से पहले प्रशांत किशोर ने हार मान ली है?

June 1, 2025
पूर्वोत्तर में आफत की बारिश: 32 की मौत, कई लापता

पूर्वोत्तर में आफत की बारिश: 32 की मौत, कई लापता

June 1, 2025
तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप भावुक, लिखा मम्मी-पापा को संदेश

June 1, 2025
एनआईए

जासूसी केस: 8 राज्यों में एनआईए की रेड

June 1, 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Sunday, June 1, 2025
  • Login
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home देश

रूस से लेनदेन पर भारत को अमेरिका की चेतावनी

ON THE DOT TEAM by ON THE DOT TEAM
March 31, 2022
in देश, मुख्य समाचार, विदेश
Reading Time: 1 min read
A A
0
रूस से लेनदेन पर भारत को अमेरिका की चेतावनी

नई दिल्ली:एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक भारत द्वारा रूस से तेल का आयात बढ़ाने के कारण ‘बड़े खतरे’ का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अमेरिका रूस पर लगे प्रतिबंधों को लागू करवाने में ज्यादा सख्ती बरतने के लिए कदम उठा रहा है.एक अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को नाम ना छापने की शर्त पर बताया, “अमेरिका को इस बात से कोई आपत्ति नहीं है कि भारत रूस से तेल खरीदे, बशर्ते वह इसे डिस्काउंट पर खरीद रहा है और आयात पिछले सालों के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ा नहीं रहा है. आयात का थोड़ा बहुत बढ़ना ठीक है” अमेरिका ने रूस पर फिलहाल जो प्रतिबंध लगाए हैं वे किसी देश को रूस से तेल खरीदने से नहीं रोकते. लेकिन ऐसे संकेत हैं कि अमेरिका अन्य देशों को पाबंदियों के दायरे में ला सकता है ताकि रूस को मिलने वाली मदद बंद की जा सके. अमेरिकी अधिकारी के भारत संबंधी ये बयान तब आए हैं जबकि रूस के विदेश मंत्री सर्गई लावरोव भारत आने वाले हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के आर्थिक सुरक्षा मामलों के उप सलाहकार दलीप सिंह भी भारत दौरे पर आने की बात कह चुके हैं. बुधवार को जर्मनी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत का दौरा किया था और गुरुवार को ब्रिटिश विदेश मंत्री भारत पहुंच रही हैं. रूस से संबंध भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है. रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद उसने रूस से तेल आयात बढ़ा दिया है. 24 फरवरी के बाद से ही भारत ने 1.

3 करोड़ बैरल तेल खरीदा है जबकि पिछले पूरे साल में उसका रूस से तेल आयात 1.6 करोड़ बैरल था. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार भारत और रूस के बीच तेल खरीद को लेकर चल रही बातचीत के बारे में जानती है. प्रवक्ता ने कहा, “हम भारत और बाकी दुनिया में हमारे साझीदारों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि रूस पर यूक्रेन में विनाशकारी युद्ध जल्द से जल्द खत्म करने के लिए दबाव डालने के लिए एक साझी और मजबूत कार्रवाई की जा सके, जिसमें सख्त प्रतिबंध लगाना भी शामिल है” प्रवक्ता ने कहा कि बाइडेन सरकार भारत और यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इस बात की कोशिश कर रही है कि यूक्रेन युद्ध का दुनिया के ऊर्जा बाजार पर कम से कम असर हो और साथ ही रूसी ऊर्जा पर निर्भरता घटाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. प्रतिबंधों के दायरे में रहे भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का असर रूस की कच्चा तेल बेचने की क्षमता पर हुआ है. दुनिया के कुल उत्पादन का लगभग 10 प्रतिशत रूस में होता है. पेरिस स्थित इंटरनेशनल ऊर्जा एजेंसी (IEA) का अनुमान है कि प्रतिबंध और खरीददारों द्वारा रूस से तेल खरीदने में परहेज के चलते अप्रैल में रोजाना लगभग 30 लाख बैरल कम तेल बाजार में पहुंचेगा. अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है कि भारत रूस के साथ व्यापार डॉलर में ना करके रूबल में करे, बशर्ते लेनदेन में प्रतिबंधों के नियमों का पालन किया जाए. भारत और रूस रूबल-रुपये में लेनदेन की प्रक्रिया तैयार करने पर काम कर रहे हैं. अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “वे जो भी भुगतान करें, जो भी करें वह प्रतिबंधों के दायरे में होना चाहिए.

अगर ऐसा नहीं होता है तो वे बड़ा खतरा उठा रहे हैं. जब तक कि वे प्रतिबंधों का पालन करते हैं और खरीद की मात्रा बहुत ज्यादा नहीं बढ़ाते हैं, तब तक हमें कोई दिक्कत नहीं है” रूस भारत को हथियारों और अन्य सामरिक साज ओ सामान का सबसे बड़ा सप्लायर है. हालांकि दोनों देशों के बीच कुल व्यापार का आकार बहुत बड़ा नहीं है. बीते कुछ सालों में दोनों देशों के बीच सालाना औसतन नौ अरब डॉलर का ही व्यापार हुआ है जिसमें खाद और तेल प्रमुख हैं. इसके मुकाबले भारत और चीन का द्विपक्षीय व्यापार सालाना 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा है. ऐसा कोई संकेत नहीं है कि भारत रूस के साथ अपने व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों में किसी तरह की कटौती करेगा. उसने हाल ही में कई बड़े समझौते किए हैं. रूस पर भारत के रूख को लेकर अमेरिका बहुत खुश नहीं है. पिछले हफ्ते ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि क्वॉड देशों में भारत ही है जो रूस के खिलाफ कार्रवाई में “थोड़ा गड़बड़ा” रहा है. भारत का कहना है कि उसके रूस और अमेरिका दोनों से अच्छे संबंध हैं.

भारत दौरे पर लिज ट्रस इस बीच ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस आज भारत पहुंच रही हैं. उनका मकसद भी रूस के खिलाफ राजनयिक माहौल तैयार करने में भारत का साथ पाने के लिए चर्चा करना है. ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने कहा कि लिज ट्रस “आक्रामकों को रोकने के लिए लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर काम करने की अहमियत” पर बात करेंगी. ट्रस ने एक बयान जारी कर कहा, “रूस द्वारा यूक्रेन बिना किसी उकसावे के किये गए हमले के मामले में तो यह और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है और इस बात की अहमियत को और बढ़ा देता है कि आजाद लोकतंत्रों को रक्षा, व्यापार और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने की कितनी ज्यादा जरूरत है.” ब्रिटेन की व्यापार मंत्री ऐन-मरी ट्रेवेलयान ने कहा कुछ दिन पहले कहा था किरूस पर भारत के रुख को लेकर उनका देश बहुत निराश है. भारत के साथ व्यापार वार्ताओं के दूसरे दौर के समापन से पहले ट्रेवेलयान ने यह बात कही. इससे पहले भी ब्रिटेन भारत को रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आग्रह कर चुका है. जब ब्रिटिश मंत्री ट्रेवेलयान से पूछा गया कि रूस को लेकर भारत के रूख का मुक्त व्यापार समझौते से संबंधित बातचीत पर असर पड़ेगा या नहीं, तो उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत अपना रूख बदल लेगा. ट्रेवेलयान ने कहा, “हम बहुत निराश हैं लेकिन हम अपने भारतीय साझीदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे और उम्मीद करेंगे कि उनके विचार बदलें.&rdquo

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending News

  • 2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • रामनवमी से पहले ही राम लला का सूर्याभिषेक देख भक्त हुए निहाल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • स्वामी चिदम्बरानन्द महाराज के अवतरण महोत्सव व सिवा ट्रस्ट वार्षिकोत्सव का आयोजन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 24 अगस्त से फिर शुरू हो रही है रामायण सर्किट रेल यात्रा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • भारत से विभाजन के समय पाकिस्तान में थे 20 फीसदी हिंदू, धर्मांतरण और उत्पीड़न के बाद अब कितने बचे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बैलेंसिंग लाइफ ही जिंदगी को खुशहाल बना सकती है: रचना हिरण

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मुख्य समाचार
  • देश
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
Call us: +91 98330 26960
No Result
View All Result
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH

Copyright © 2020 ON THE DOT

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In