नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट पर रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए कूटनीति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि “यह युद्ध का समय नहीं है,” वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को सलाह दी कि युद्ध के मैदान पर जीत स्थायी समाधान नहीं ला सकती।
रूस-यूक्रेन से करीबी संबंधों का ज़िक्र
पीएम मोदी ने कहा, “रूस और यूक्रेन दोनों से मेरे करीबी संबंध हैं। मैं राष्ट्रपति पुतिन से स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है। साथ ही, मैं ज़ेलेंस्की से भी मित्रतापूर्वक कह सकता हूं कि भले ही दुनिया के कई देश उनके समर्थन में खड़े हों, युद्ध के मैदान पर समाधान संभव नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “यूक्रेन अपने सहयोगियों के साथ जितनी भी चर्चा कर ले, लेकिन जब तक वार्ता में दोनों पक्ष शामिल नहीं होंगे, तब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकलेगा।”
रूस-अमेरिका वार्ता और युद्धविराम का प्रयास
क्रेमलिन ने पुष्टि की है कि रूस और अमेरिका के बीच “अगले कदमों” पर चर्चा हुई है, ताकि युद्ध समाप्त किया जा सके। इससे पहले, कीव के यूरोपीय सहयोगियों ने मास्को से बिना शर्त 30-दिन के युद्धविराम की अपील की थी। अमेरिका ने सऊदी अरब में हुई वार्ता के बाद युद्धविराम का प्रस्ताव दिया, जिसे यूक्रेन ने स्वीकार कर लिया।
पीएम मोदी ने शांति वार्ता पर जताई उम्मीद
पीएम मोदी ने कहा, “शुरुआत में शांति स्थापित करना कठिन था, लेकिन अब यह सही समय है कि रूस और यूक्रेन सार्थक वार्ता करें। इस युद्ध में भारी पीड़ा हुई है, यहां तक कि वैश्विक दक्षिण (Global South) को भी नुकसान झेलना पड़ा है।”
पुतिन और ज़ेलेंस्की के रुख
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्धविराम प्रस्ताव को सीधे स्वीकार नहीं किया है, बल्कि कुछ शर्तें रखी हैं और इस पहल को लेकर “गंभीर सवाल” उठाए हैं।
वहीं, ज़ेलेंस्की ने रूस पर शांति वार्ता को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “क्रेमलिन युद्ध समाप्त नहीं करना चाहता। वे पहले युद्ध के मैदान पर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं, फिर किसी समझौते पर राजी होंगे।”
रूसी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बातचीत की। मास्को के अनुसार, दोनों नेताओं ने पिछले महीने सऊदी अरब में हुई अमेरिका-रूस शिखर वार्ता के “ठोस पहलुओं” पर चर्चा की।