भोपाल:मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर में आरएसएस और संघ प्रमुख मोहन भागवत पर कड़ी टिप्पणी की है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि उन्होंने मोहन भागवत को पहली बार बधाई दी है और यह बधाई इसलिए दी है कि वे लीक से हटकर मदरसा और मस्जिद गए हैं।
उन्होने ने कहा कि जो मोहन भागवत मुस्लिम टोपी लगाने से कतराते थे।वह अब मदरसा और मस्जिद जा रहे हैं इसके लिए भारत जोड़ो यात्रा एक प्रमुख कारण है और यात्रा के 15 दिन में ही प्रभाव दिखाई देने लगा है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि उनका बीजेपी खासकर आर एस एस से आग्रह है कि जब भारत के संविधान में हर व्यक्ति को समानता का अधिकार दिया गया है।प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बात की शपथ ली है और उनका नारा है कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास।लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने मोहन भागवत से मांग की है कि वे अगर मुसलमानों को भरोसा दिलाना चाहते हैं तो सबसे पहले अखलाक के घर जाएं ,जो मोब लिचिंग का शिकार हुए थे इसके अलावा बिलकिस बानो के घर भी जाएं.. जिनका बलात्कार किया गया और बलात्कारियों का सम्मान भी किया गया ऐसे लोगों पर कार्रवाई होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरएसएस पर आगे हमला बोलते हुए कहा कि आरएसएस अपनी विचारधारा से बदल रहा है और अब दशहरे पर होने वाले आरएसएस के शस्त्र पूजन में आने वाले हथियारों के लाइसेंस चेक किए जाएं इससे संघ घबरा गया और अब दशहरे पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम में परिवर्तन कर गांधी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
पीएफआई पर की गई कार्रवाई के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि पीएफआई और आर एस एस एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। जो धार्मिक उन्माद फैलाए, नफरत फैलाए और हिंसा का माहौल बनाए ऐसे सभी संगठनों पर कार्रवाई होना चाहिए।