डेस्क:रोहित शेट्टी की गिनती इंडस्ट्री के टॉप डायरेक्टर्स में होती। गोलमाल, सिंघम सीरीज जैसी कई एक्शन और कॉमेडी फिल्मों से ऑडियंस को इम्प्रेस करने वाले रोहित आज अपने काम के लिए मशहूर हैं, फेमस डायरेक्टर हैं। रोहित के स्ट्रगल भरी जिंदगी, उनके स्टंटमैन पिता एमबी शेट्टी की कहानी हैरान करने वाली है। लेकिन डायरेक्टर की माँ रत्ना शेट्टी के त्याग, बलिदान और मुश्किलों से भरी जिंदगी के बारे में कम ही लोग जानते हैं। सही शब्दों में कहें तो फिल्मों में छोटे किरदार निभाने वाली उस जूनियर आर्टिस्ट के बारे में कम ही लिखा गया है।
रत्ना शेट्टी जिसने छोटी उम्र में ही काम शुरू कर दिया। 60 और 70 के दशक की फिल्मों में हीरोइनों की सहेलियों की भीड़ में नज़र आई तो कभी साड़ी पहने किसी की माँ या किसी पड़ोसन के किरदार में दिखीं। रत्ना ने बॉडी डबल बन कर हीरोइन के लिए एक्शन सीन भी किए। किसी भी फिल्म के इन छोटे किरदारों को अक्सर लोग भूल जाते हैं। रत्ना शेट्टी ने भी कुछ वैसा ही जीवन जीया जो आज किसी को याद नहीं है।
रोहित शेट्टी के पिता एमबी शेट्टी ने फिल्मों में स्टंटमैन की भूमिका निभाई। वो जिसे फिल्मों में सिर्फ हीरो से पीटने के लिए रखा जाता है। एमबी शेट्टी ने रत्ना शेट्टी से दूसरी शादी की और कुछ सालों बाद चल बसे। माँ रत्ना शेट्टी पर दो बच्चों की जिम्मेदारी थी। ऐसे में उन्होंने कई फिल्मों में छोटे किरदार निभाए। इन फिल्मों में गोविंदा और करिश्मा कपूर की फिल्म कूली नंबर 1 भी शामिल है।
फिल्म कूली नंबर 1 का वो सीन तो आपको याद ही होगा जब एक्टर सदाशिव का किरदार शादीराम घरजोड़े करिश्मा कपूर के किरदार मालती के लिए रिश्ता लेकर आता है। इस सीन में रत्ना ने लड़के की माँ का किरदार निभाया है जिसे कदर खान का किरदार भगा देता है। अजय देवगन और काजोल की फिल्म गुंडाराज में रत्ना शेट्टी ने कॉलेज की प्रिंसिपल का किरदार निभाया था।
रोहित शेट्टी ने अपने एकाध इंटरव्यू में अपनी माँ के स्ट्रगल के बारे में भी बात की है। जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर रत्ना शेट्टी ने करीब 90 फिल्मों में काम किया। इसी दौरान रोहित भी फिल्मों में अपनी पहचान बनाने की कोशिश में लगे हुए थे। आज रोहित एक सफल डायरेक्टर हैं।