डेस्क:तमिलनाडु सरकार ने ₹ का चिह्न बदलने का फैसला किया है। इसके स्थान पर तमिल अक्षर लगाया गया है। खास बात है कि भारतीय मुद्रा पर अंकित इस चिह्न को तमिलनाडु के ही शख्स ने तैयार किया था। इतना ही नहीं सिंबल डिजाइन करने वाले के पिता भी मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी DMK यानी द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम के पूर्व विधायक थे। फिलहाल, स्टालिन सरकार के इस फैसले पर बड़ा सियासी बवाल खड़ा होता नजर आ रहा है।
किसने बनाया था रुपये का सिंबल
रुपये का सिंबल IIT बॉम्बे के छात्र रहे डी उदय कुमार ने बनाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनका जन्म तिरुवन्नामलई के पास मरूर में हुआ था। इतना ही नहीं उनके पिता डी धर्मलिंगम भी DMK से विधायक रह चुके हैं।
भाजपा ने कसा तंज
स्टालिन सरकार के इस फैसले पर तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख के अन्नामलाई ने भी तंज कसा है। उन्होंने लिखा, ‘डीएमके सरकार ने 2025-26 के लिए राज्य के बजट में रुपये के चिह्न को बदल दिया है, जिसे तमिल के ही शख्स ने डिजाइन किया था। इसे पूरे भारत ने अपनाया और अपनी मुद्रा पर अंकित किया था। थिरु उदय कुमार जिसने यह चिह्न बनाया था, वह डीएमके के पूर्व विधायक के बेटे हैं।’
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सीएम स्टालिन पर तमिलनाडु की जनता का अपमान करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा, ‘उदय कुमार धर्मलिंगम एक भारतीय शिक्षाविद और डिजाइनर हैं, जो डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे हैं। उन्होंने भारतीय रुपये का चिह्न तैयार किया है, जिसे पूरे भारत ने अपनाया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन रुपये के चिह्न को तमिलनाडु बजट 2025-26 के दस्तावेजों से हटाकर तमिलनाडु की जनता का अपमान कर रहे हैं।’
कहानी सिंबल की
बात साल 2010 की है। तब उदय कुमार IIT गुवाहाटी में नौकरी की पारी शुरू ही करने जा रहे थे। खबर आई कि उन्होंने भारतीय रुपये के लिए सिंबल बनाने की प्रतियोगिता जीत ली है। उनकी डिजाइन में देवनागरी और रोमन लिपी के तत्व मौजूद थे। खास बात है कि उन्होंने यह प्रतियोगिता सैकड़ों प्रतिभागियों को पछाड़कर जीती थी।