नई दिल्ली:रक्षा मंत्रालय ने चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर नजर रखने के लिए एक निगरानी उपग्रह के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस उपग्रह पर 4,000 करो़ड़ रुपये का खर्च आएगा। इस कदम से भारतीय सेना की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।
सरकारी सूत्रों ने बताया, मंगलवार को रक्षा खरीद परिषद की बैठक में सेना के लिए स्वदेश निर्मित उपग्रह के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उपग्रह जीसेट 7बी परियोजना को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर अंजाम दिया जाएगा। इससे सेना को सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी निगरानी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इसरो की तरफ से इस सैटेलाइट के साथ छोटे-छोटे दो और सैटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजे गए थे। पीएसएलवी-सी52 के माध्यम से 1710 किलोग्राम के भार वाला ईओएस-04 उपग्रह को सूर्य की ध्रुवीय कक्षा में ग्रह से 529 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा।
अप्रैल-मई 2020 में चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बाद भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी क्षमता बढ़ाने के साथ निगरानी व्यवस्था उन्नत करने की दिशा में काम कर रही है। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि इसरो द्वारा उपग्रह बनाने से स्वदेशी उद्योग विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया कार्यक्रम को भी मदद मिलेगी।