डेस्क:संभल जामा मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट आज जिला न्यायालय में पेश होने वाली थी। इस पर सबकी निगाहें थीं। लेकिन यह आज पेश नहीं हुई। कोर्ट कमिश्नर रमेश चंद्र राघव राघव ने अदालत से 10 दिन का समय मांगा है। अदालत के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अभी सर्वे रिपोर्ट पूरी नहीं है। इस वजह से उन्होंने न्यायालय से 10 दिन का समय मांगा। इस बीच कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार जामा मस्जिद का अब तीसरी बार सर्वे नहीं होगा। सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत ने आठ दिसम्बर की तारीख मुकर्रर की है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी 2025 को होगी।
कोर्ट कमिश्नर ने अदालत को बताया कि 19 नवंबर को पहली बार सर्वे और 24 नवंबर को दूसरी बार सर्वे के दौरान असामाजिक तत्वों की ओर से हस्तक्षेप किया। 24 नवंबर को जबरदस्त हिंसा भी हुई। इस वजह से रिपोर्ट पूरी नहीं हो पाई। उन्हें इसके लिए 10 दिन का समय और चाहिए। मजबूरन आज अगली तारीख मांगी गई और आज सुनवाई नहीं हो पाई। सुनवाई के लिए शुक्रवार को शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी संभल के सदर और प्रतिवादी जफर अली की ओर से अधिवक्ता अमीर हुसैन और अन्य वकील पहुंचे थे। उन्होंने इस संबंध में हिंदू पक्ष की ओर से किए गए दावे और दस्तावेजों की कॉपी के लिए अदालत में आवेदन किया। अदालत ने वादी पक्ष (हिंदू पक्ष ) को वाद से जुड़े दस्तावेज प्रतिवादी पक्ष को देने के निर्देश दिए। इस मामले की सुनवाई आठ जनवरी 2025 को की जाएगी।
जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी के अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में वादी पक्ष (मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाला पक्ष) के वाद पत्र और उसके साथ लगाए गए सभी दस्तावेजों की कॉपी मांगी है। इसके लिए एप्लीकेशन लगाई है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए आठ जनवरी की तारीख तय कर दी है।
संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने संभल के सिविल जज सीनियर डिविजन याचिका दायर की थी। उसी दिन कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश किया था जिसके कुछ घंटों बाद कोर्ट कमिश्नर की अगुवाई में जामा मस्जिद पहुंची सर्वे टीम ने सर्वे किया था। लेकिन रात होने की वजह से उस दिन सर्वे पूरा नहीं हो पाया था। 24 नवंबर को यह टीम दोबारा सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंची। इसकी सूचना पर मस्जिद के पीछे मुस्लिम समाज के लोगों की भारी भीड़ जुट गई। पुलिस ने उन्हें समझाकर वापस भेजने का प्रयास किया लेकिन वहां पथराव शुरू हो गया। बात बिगड़गी गई। भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। फायरिंग भी की। पुलिस के मुताबिक भीड़ के बीच आपस की फायरिंग में चार युवकों की मौत हो गई। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया। इस दौरान फायरिंग और पथराव में एसपी के पीआरओ, डिप्टी कलेक्टर और कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए। घटना की जांच के लिए राज्यपाल के आदेश पर राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया है जिसे दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया है।