डेस्क:उत्तर प्रदेश के संभल में एक और प्राचीन कुआं मिला है। जामा मस्जिद के मोहल्ला टंकी में प्राचीन कुआं भी मिला। नगर पालिका खुदाई करने जा रही है। इसके साथ अन्य प्राचीन कुओं की तलाश हो रही है। अब तक आधा दर्जन से अधिक प्राचीन और बंद किए जा चुके कुओं की खुदाई हो चुकी है। वहीं हयातनगर और सरायतरीन क्षेत्र में बिजली विभाग ने तड़के की छापेमारी की। टीम को देख लोगों में हड़कंप मच गया। कई घरों में बिजली चोरी पकड़ी गई। बिजली चोरों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी जा रही है। बिजली विभाग पिछले पांच दिन से लगातार अलग अलग क्षेत्र में छापेमारी कर रहा है।
आपको बता दें कि संभल हिंसा के बाद से क्षेत्र में लगातार सर्च अभियान जारी है। शनिवार को प्रशासन ने खग्गू सराय में 46 साल से बंद पड़े कार्तिक महादेव मंदिर का ताला खुलवाया था। इसके साथ ही एक के बाद एक खग्गुसराय, छंगामल कोठी, एजेंटी तिराहे पर बंद पड़े कुएं की खुदाई शुरू की गई। इसी बीच मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें दिखाया कि सरायतरीन के मुस्लिम बहुल कसावान मोहल्ले में भी प्राचीन मंदिर है।
प्राचीन कूपों की पहचान कर उनकी खुदाई कर जल संरक्षण, जल संभ्रण व धार्मिक दृष्टि को ध्यान में रख नगर पालिका अभिनव प्रयास कर रही है। जिसमें वह काफी सफल हो रहे हैं। मंगलवार को पालिका द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत एक के बाद एक चार प्राचीन कुएं की खोज की गई है, जिन्हें पुन: जीवित करने के लिए खुदाई का कार्य शुरू करा दिया। सभी कुएं की खुदाई पांच से दस फिट तक हो चुकी है।
शहर की प्राचीन मान्यता के अनुसार यहां 52 सराय, 68 तीर्थ और 19 कूपों का महत्व
अधिशासी अधिकारी डा. मणिभूषण तिवारी ने बताया कि मंगलवार सुबह चमन सराय में बीवीएम स्कूल के पास एक प्राचीन कुआं मिला है, जिसे लोग छतरी वाले कुएं के नाम से जाना जाता था। उसके बाद निहारियो वाली मस्जिद, शाने वाले फाटक, और खग्गूसराय तिराहे पर भी प्राचीन कुएं मिले हैं। जिनकी खुदाई शुरू कर दी। सभी की पांच से दस फिट तक खुदाई करा दी गई है। डा. तिवारी ने बताया कि यह कुएं जल संरक्षण और जल संभ्रण के रूप में काफी महत्वपूर्ण है। इससे पूर्व कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर, छंगामल कोठी, और एजेंटी तिराहे पर भी पुराने कुएं मिले थे, जिनकी खुदाई पहले ही कराई जा चुकी है। डा. मणिभूषण तिवारी बताया कि संभल शहर की प्राचीन मान्यता के अनुसार यहां 52 सराय, 68 तीर्थ और 19 कूपों का महत्व रहा है। इन जल स्त्रत्तेतों का अस्तित्व संभल की ऐतिहासिक पहचान के रूप में माना जाता है। इन कुएं की खुदाई का मुख्य उद्देश्य जल स्रोतों को रिचार्ज करना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान कैच द रेन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और जल संरक्षण के तहत चलाया जा रहा है। कुओं का सौंदर्यीकरण किया जाएगा और इसके साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों को फिर से शुरू किया जाएगा।