डेस्क:शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को मराठी मानुष का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद मराठी भाषी लोगों पर हमले बढ़ गए हैं। राउत ने आरोप लगाया कि मराठाओं को मुंबई और पड़ोसी इलाकों से बाहर निकालने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। राउत ने ठाणे जिले के कल्याण में हुई घटना का जिक्र किया, जहां गैर-मराठी भाषी लोगों ने मराठी भाषी परिवार पर हमला किया।
संजय राउत ने नौसेना के एक जहाज और यात्री नौका के बीच हुई टक्कर में 14 लोगों की मौत पर महाराष्ट्र सरकार को अशुभ करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गांवों और जिलों में डकैती और हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मराठी मानुष पर हमला करने की साजिश रची जा रही है। कल्याण इसकी शुरुआत है।’ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता ने दावा किया कि भाजपा ने ‘मराठी मानुष के संगठन’ शिवसेना को विभाजित कर दिया, इसे कमजोर कर दिया ताकि मूल निवासियों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया जाए। मुंबई और उसके आसपास के इलाकों को गैर-मराठी भाषी बिल्डरों और व्यापारियों को दे दिया जाए।
‘…तो क्या वे सब नक्सली थे?‘
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार और केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह नीत सरकार ने जिन कुछ संगठनों को शहरी नक्सलियों का मुखौटा संगठन घोषित किया था, वे भारत जोड़ो यात्रा में शामिल थे। राउत ने इस पर कहा कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं, उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या अभिनेता अमोल पालेकर, सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आढाव और सेना में सेवा दे चुके वे पूर्व सैनिक, जो राहुल गांधी की अगुवाई वाली यात्रा में शामिल हुए थे, वे सब नक्सली थे? शिवसेना नेता ने कहा कि फडणवीस को अपने आस-पास के भ्रष्ट लोगों पर ध्यान देना चाहिए।