डेस्क:उद्धव ठाकरे सेना के नेता संजय राउत ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बिना नाम लिए तीखा तंज कसा है। उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली में तो बाहरी आते हैं और राज करते हैं। इसके बाद राज करके विदा हो जाते हैं। संजय राउत ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति स्थायी रूप से बसने के इरादे से दिल्ली आता है तो वह ऐसा नहीं कर सकता। राज्यसभा सांसद राउत ने कहा, ‘यह परिवर्तन का शहर है। बाहरी लोग यहां आते हैं, शासन करते हैं और वापस चले जाते हैं। जो लोग आज दिल्ली पर शासन कर रहे हैं, उन्हें भी वापस लौटना होगा। कुछ लोग राजस्थान लौट गए हैं और कुछ महाराष्ट्र लौट गए तथा कुछ गुजरात लौट जाएंगे।’
उन्होंने इस दौरान शरद पवार की जमकर तारीफ की और कहा कि वह ऐसे नेता हैं, जिन्हें महाराष्ट्र के लोग दिल्ली में देखना चाहते हैं। नीलेश कुमार कुलकर्णी द्वारा लिखित पुस्तक ‘संसद ते सेंट्रा विस्टा’ (संसद से सेंट्रल विस्टा तक) के विमोचन के दौरान राउत ने कहा, ‘शरद पवार हमारे विरोधी नहीं हैं। वह कभी हमारे दुश्मन नहीं रहे। वह हमारे मार्गदर्शक और हमारे नेता हैं। वह हमारे महादजी शिंदे हैं।’ राउत ने कहा कि मराठा साम्राज्य के सेनापति दिल्ली में ‘किंगमेकर’ थे और उन्होंने दो बार विजय प्राप्त करने के बाद यहां शासकों की नियुक्ति की। राउत ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति स्थायी रूप से बसने के इरादे से दिल्ली आता है तो वह ऐसा नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वासघात और षड्यंत्र दिल्ली में जीवन का अभिन्न अंग हैं।
संजय राउत की ओर से शरद पवार की तारीफ करना दिलचस्प है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले ही शरद पवार की ओर से एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया गया था। इस पर उद्धव सेना भड़क गई थी। खुद संजय राउत ने ही कहा था कि सबको पता है कि इस तरह के पुरस्कर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं। अब कुछ दिन बाद ही उन्होंने शरद पवार की सराहना की है। शिंदे को पुणे के एक गैर सरकारी संगठन द्वारा स्थापित महादजी शिंदे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शिंदे 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को गिराकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने शिवसेना में बड़ी टूट करा दी थी और सीएम बन गए थे। यहां तक कि शिवसेना नाम से पार्टी पर भी उनका अधिकार है, जबकि उद्धव ठाकरे वाले गुट को नया नाम मिला है।
संजय राउत ने गुरुवार को वरिष्ठ नेता की तुलना मराठा सेनापति महादजी शिंदे से की, जिन्होंने 18वीं शताब्दी में दिल्ली पर विजय प्राप्त की थी। पवार के साथ मंच साझा करते हुए राज्यसभा सदस्य राउत ने राकांपा (एसपी) प्रमुख की प्रशंसा की और उन्हें ऐसा नेता बताया जिन्हें महाराष्ट्र दिल्ली में देखना चाहता है । राउत ने कहा कि मराठा साम्राज्य के सेनापति दिल्ली में ‘किंगमेकर’ थे और उन्होंने दो बार विजय प्राप्त करने के बाद यहां शासकों की नियुक्ति की। पवार ने भी 1962-63 में कांग्रेस की बैठक के लिए दिल्ली की अपनी पहली यात्रा को याद करते हुए बताया कि कैसे वह और पार्टी में उनके कुछ साथी पहली बार जवाहरलाल नेहरू को देखकर अचंभित रह गए थे।