नई दिल्ली। By Election in 13 Assembly Seats: पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश की 13 विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान बुधवार को होगा। लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर एनडीए और इंडिया गठबंधन में टक्कर देखने को मिलेगी। उपचुनाव में दो दलों के कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर है। चुनावी मैदान में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर भी पहली बार अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
इन सीटों पर चुनाव होना है
जिन विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, उनमें रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा व मानिकतला (पश्चिम बंगाल), बद्रीनाथ व मंगलौर (उत्तराखंड), जालंधर पश्चिम (पंजाब), देहरा, हमीरपुर व नालागढ़ (हिमाचल प्रदेश), रुपौली (बिहार), विक्रावंडी (तमिलनाडु) और अमरवाड़ा (मध्यप्रदेश) शामिल है। ये उपचुनाव मौजूदा सदस्यों की मृत्यु या इस्तीफे के कारण हुई रिक्तियों के कारण हो रहा है।
बंगाल में टीएमसी और भाजपा में कड़ी टक्कर
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) लोकसभा चुनावों में अपने बेहतर प्रदर्शन का लाभ उठाने की कोशिश में है। वहीं भाजपा संसदीय चुनावों में चार निर्वाचन क्षेत्रों में मिली महत्वपूर्ण बढ़त को बरकरार रखना चाहेगी। पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने मानिकतला सीट पर कब्जा जमाया था, जबकि भाजपा ने रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बगदाह में जीत हासिल की थी। हालांकि, भाजपा विधायक बाद में पार्टी छोड़कर टीएमसी में चले गए थे। फरवरी 2022 में टीएमसी विधायक साधन पांडे की मृत्यु के कारण मानिकतला विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है।
टीएमसी ने पांडे की पत्नी सुप्ती को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। सत्तारूढ़ पार्टी ने रायगंज से कृष्णा कल्याणी और रानाघाट दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे को मानिकतला, मनोज कुमार विश्वास को राणाघाट दक्षिण, बिनय कुमार विश्वास को बगदाह और मानस कुमार घोष को रायगंज से चुनाव मैदान में उतारा है।
हिमाचल में सुक्खू की पत्नी चुनावी मैदान में
वहीं, हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी बुधवार को मतदान होगा। ये सीट तीन निर्दलीय विधायकों – होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और के एल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थीं। इन विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। इन तीनों सीट पर कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां 2,59,340 मतदाता हैं।
उत्तराखंड में त्रिकोणीय मुकाबला
वहीं, पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की मंगलौर सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। पिछले वर्ष अक्टूबर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण उपचुनाव की जरूरत हुई है। मुस्लिम और दलित बहुल मंगलौर सीट पर भाजपा कभी जीत नहीं दर्ज कर पाई है। इस सीट पर पहले या तो कांग्रेस या फिर बसपा का कब्जा रहा है। इस बार बसपा ने अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को कांग्रेस उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन के खिलाफ मैदान में उतारा है। गुज्जर नेता और भाजपा उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना भी मैदान में हैं।
वहीं, बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी मतदान होगा। इस वर्ष मार्च में कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। बद्रीनाथ में भाजपा के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला के बीच सीधा मुकाबला होगा।
पंजाब में मान की अग्निपरीक्षा
पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर बुधवार को होने वाले उपचुनाव को मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के खराब प्रदर्शन के बाद उपचुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। जालंधर पश्चिम एक आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है। यहां ‘आप’, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवारों के बीच बहुकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। जालंधर पश्चिम सीट शीतल अंगुरल के ‘आप’ विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी। यहां बुधवार को होने वाले उपचुनाव में कुल 15 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। वोटों की गिनती 13 जुलाई को की जाएगी।
पंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है, जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। भगत पिछले साल भाजपा छोड़ ‘आप’ में शामिल हो गए थे। भगत ने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर जालंधर पश्चिम सीट से किस्मत आजमाई थी। हालांकि, उन्हें दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर पर दांव लगाया है, जो जालंधर की पूर्व वरिष्ठ उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं। वह रविदासिया समुदाय से जुड़ी एक प्रमुख दलित नेता हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने शीतल अंगुरल को मैदान में उतारा है, जो मार्च में ‘आप’ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। अंगुरल सियालकोटिया रविदासिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इसी तरह, सुखबीर बादल के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पहले सुरजीत कौर को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी ने बाद में उनसे समर्थन वापस ले लिया। शिअद ने अब जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के लिये उपचुनाव में बसपा उम्मीदवार बिंदर कुमार का समर्थन करने की घोषणा की है।