नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हो रही थी। इसी दौरान सदन में कुछ ऐसा देखने को मिला, जो आमतौर नहीं होता है। राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं को हिंसक कहने पर प्रधानमंत्री खुद पर काबू नहीं रख सके। वह तुरंत अपनी जगह से उठकर खड़े हुए और सदन के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। राहुल गांधी ने भाजपा और सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिंदुत्व डर, नफरत और झूठ फैलाने के लिए नहीं है। लेकिन खुद को हिंदू कहने वाले 24 घंटे हिंसा और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। राहुल गांधी के इस बयान पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी के बयान पर सख्त आपत्ति जताई। अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी को पता नहीं है कि इस देश में करोड़ों लोग खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं। क्या यह सभी लोग हिंसा करते हैं।
अपनी जगह पर खड़े हो गए पीएम मोदी
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जगह से उठ खड़े हुए। संभवत: यह पहली बार हुआ जब पीएम मोदी ने नेता प्रतिपक्ष को इस तरह से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संपूर्ण हिंदू समाज को हिंसक कहना बेहद गंभीर बात है। हालांकि राहुल गांधी ने तत्काल प्रधानमंत्री पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा संपूर्ण हिंदू समाज नहीं हो सकती। नरेंद्र मोदी जी संपूर्ण हिंदू समाज नहीं हो सकते। आरएसएस संपूर्ण हिंदू समाज नहीं सकता। इसके बाद भी उन्होंने भाजपा पर हमले बंद नहीं किए और लगातार सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलते रहे। इससे पहले राहुल गांधी ने भगवान शिव का चित्र सदन में दिखाया, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें टोका तो राहुल ने सवाल किया कि क्या भगवान शिव के चित्र को नहीं दिखाया जा सकता है। भगवान शिव अभय मुद्रा में होते हैं। गुरु नानक जी अभय मुद्रा में होते हैं। भगवान महावीर का अभय मुद्रा वाला चित्र भी दिखाया। उन्होंने कहा कि सब महा पुरुषों ने अहिंसा की बात की, डर मिटाने की बात की और कहा कि डरो मत डराओ मत। अभय मुद्रा का मतलब है कि डरो नहीं।
राहुल गांधी ने पूछा सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि जब अन्य चित्र दिखाए जाते हैं तो भगवान शिव के चित्र को दिखाने में दिक्कत क्या है। शिव शक्ति है और त्रिशूल शक्ति का प्रतीक है और शिवजी का त्रिशूल अहिंसा का प्रतीक है, लेकिन जो लोग खुद के हिन्दू होने का दावा करते हैं वे हिंसा करते हैं और नफरत फैलाते हैं। अहिंसा हमारा प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने इस पर हस्तक्षेप किया और कहा कि विपक्ष के नेता ने पूरे हिन्दू समाज पर हिंसक होने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक नहीं कहा जा सकता है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता हिंसा की बात करते हैं और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को हिंसा को किसी धर्म से जोड़ना गलत है और इस पर विपक्ष के नेता को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। सदन में नियमों का पालन होना चाहिए। भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान में किसी धर्म पर हमले की इजाजत नहीं है इसलिए विपक्ष के नेता को माफी मांगनी चाहिए।