राजौरी:जम्मू-कश्मीर के राजौरी में चल रहे एनकाउंटर में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। दो पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया है। इनमें से एक आतंकी की पहचान कारी के नाम पर हुई है, जो बम बनाने का एक्सपर्ट था। इसके अलावा वह स्नाइपर भी था। लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडरों में शामिल कारी लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। बता दें कि राजौरी के कालाकोट में कल से चल रही मुठभेड़ में अब तक दो अफसरों समेत 4 सैनिक शहीद हो चुके हैं।
सुरक्षा बलों ने रात भर रुकने के बाद सुबह एक बार फिर से एनकाउंटर शुरू किया, जिसमें दो पाक आतंकी मारा गए। इस आतंकी की पहचान कारी के नाम से हुई है। वह लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकियों में से एक था। राजौरी के कालाकोट के जंगलों में चल रहे एनकाउंटर में दो अफसरों समेत 4 सैनिक शहीद हो चुके हैं। पाकिस्तान के रहने वाले आतंकी कारी को लश्कर के सरगनाओं ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की नई लहर पैदा करने के लिए भेजा था। बताया जाता है कि वह आईईडी बनाने में एक्सपर्ट था। इसके अलावा वह गुफाओं में छिपकर भी लंबे समय तक आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में माहिर था।
जम्मू-कश्मीर में तैनात डिफेंस पीआरओ ने कहा कि वह एक प्रशिक्षित स्नाइपर भी था। इससे समझा जा सकता है कि सुरक्षा बलों को कितने बड़े आतंकी को मार गिराने में सफलता मिली है। उसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी। लश्कर-ए-तैयबा में भी वह सीनियर कमांडरों में शामिल था। वह बीते एक साल से राजौरी पुंछ इलाके में आतंकवाद फैलाने में जुटा था। माना जाता है कि डांगरी और कांडी में हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड वही था। यह एनकाउंटर तब शुरू हुआ है, जब सेना और पुलिस ने संयुक्त रूप से एक खुफिया इनपुट के बाद ऑपरेशन शुरू किया था।
सुरक्षा बलों को जानकारी मिली थी कि कालाकोट के जंगलों में खूंखार आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद इलाके को घेर लिया गया। जानकारी के बाद इलाके को घेर लिया गया था और फिर एनकाउंटर शुरू हुआ। यह एरिया जंगलों से घिरा हुआ है, इसके चलते आतंकियों से निपटना मुश्किल हो रहा था। जम्मू-कश्मीर में पीर पंजाल के जंगल सुरक्षा बलों के लिए लंबे समय से चुनौती रहे हैं। यहां अकसर आतंकी अपना ठिकाना बनाते रहे हैं। इसकी वजह से यहां एनकाउंटरों में भी सुरक्षा बलों को मुश्किल आती है।