नई दिल्ली:देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने रविवार को भारतीय सेना की उत्तरी और पश्चिमी कमान का दौरा किया। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर के बाद की युद्ध-तत्परता की रणनीतिक समीक्षा के तहत हुआ, जिसमें इन दोनों कमानों की प्रमुख भूमिका रही थी।
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान मुख्यालय में सीडीएस को लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने आतंकवाद विरोधी अभियानों और युद्ध तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्हें यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी नेटवर्क को निष्क्रिय करने, दुश्मन की सैन्य संपत्तियों को ध्वस्त करने और अपनी सीमाओं के भीतर नागरिकों व सैन्य संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु कौन-कौन से रणनीतिक कदम उठाए गए। सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों पर हुए हमलों के बाद पुनर्वास प्रयासों की भी समीक्षा की गई।
इस दौरान जनरल चौहान ने उत्तरी कमान के जवानों के साहस, तालमेल और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात में सेवा-शाखाओं के बीच आपसी समन्वय और सतर्कता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
इसके बाद जनरल चौहान ने चंडीमंदिर स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय का दौरा किया, जहां लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई सैन्य कार्रवाइयों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। इसमें पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा स्थिति, तकनीकी और लॉजिस्टिक्स क्षमताओं की भूमिका और अभियान के समग्र परिणामों को रेखांकित किया गया।
सीडीएस ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए वीर जवानों को नमन करते हुए, सेना के सभी रैंकों के संकल्प, वीरता, सटीकता और अनुशासन की मुक्तकंठ प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों की सफलता देशवासियों के भीतर सशस्त्र बलों के प्रति विश्वास को और प्रगाढ़ करती है।
यह दौरा न केवल एक रणनीतिक समीक्षा था, बल्कि उन अनगिनत सैनिकों को श्रद्धांजलि भी, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से राष्ट्र की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी।