शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होगा। अबकी का नवरात्रि कई विशिष्ट योगों से युक्त है। प्रतिपदा पर ही पांच योग बनेंगे। सोमवार का दिन, ग्रहों और नक्षत्रों के संयोग से प्रतिपदा पर बनने वाले योगों में शुक्ल योग, सर्वार्थसिद्धि योग, शुक्र बुधादित्य योग, ब्रह्म योग और अमृतसिद्धि योग हैं।
शारदीय नवरात्रि के शेष आठ दिनों में तीन बार रवि योग भी बनेगा। शारदीय नवरात्रि प्रतिपदा पर सूर्योदय से सुबह 8 06 बजे तक शुक्ल योग रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू होगा। शास्त्रत्तें के अनुसार, शुक्ल व ब्रह्म योग में किए कार्य शुभ फलदायक होते हैं। नवरात्रि में चतुर्थी 29 सितंबर, पंचमी 30 सितंबर और सप्तमी 2 अक्तूबर को भी सर्वार्थसिद्धि योग बनेंगे। चतुर्थी को शुरू हुआ सर्वार्थसिद्धि योग 26 घंटों तक रहेगा।
भृगु संहिता विशेषज्ञ पं. वेदमूर्ति शास्त्रत्ती के अनुसार ऐसा महासंयोग कभी-कभी ही होता है। चतुर्थी, षष्ठी पहली अक्तूबर और अष्टमी 3 अक्तूबर को रवि योग बनेगा। रवि योग ज्योतिष में संकटों को दूर कर शुभता और सफलता प्रदान करने वाला गया है। सूर्य, शुक्र, बुध की युति से बनने वाला शुक्र बुधादित्य योग प्रतिप्रदा के दूसरे प्रहर तक मिलेगा। कन्या राशि में बनने वाला यह योग शुक्र के नीचत्व को भंग करने में विशेष सहायक होगा। ऐसे विशिष्ट योग संयोग में शक्ति उपासना से शिक्षा व धन धान्य की प्राप्ति होती है।