भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ और आशुतोष के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सर्वोच्च देवताओं में से एक हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से सोमवार के दिन करने का विशेष महत्व बताया गया है। आध्यात्मिक दृष्टि से सोमवार को भगवान शिव को समर्पित दिन माना जाता है, और इस दिन की गई साधना और व्रत से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सोमवार और भगवान शिव का संबंध
सोमवार का दिन चंद्रमा से जुड़ा हुआ है, और शिव जी को ‘चंद्रशेखर’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण किया हुआ है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चंद्रमा को शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त है, और इसी कारण सोमवार का विशेष महत्व है।
सोमवार व्रत और उसकी आध्यात्मिक महत्ता
सोमवार के दिन व्रत रखने और शिवजी की आराधना करने से मानसिक शांति, इच्छाशक्ति, और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस व्रत को करने के लाभ इस प्रकार हैं:
- मन की शांति: भगवान शिव को ध्यान और साधना के देवता माना जाता है। सोमवार के व्रत और पूजन से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- सुख-समृद्धि: शिवजी की कृपा से जीवन में आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं का निवारण होता है।
- वैवाहिक सुख: जिन लोगों के विवाह में बाधाएं आती हैं या वैवाहिक जीवन में समस्याएं होती हैं, उनके लिए सोमवार का व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं।
- संतान सुख: इस व्रत के प्रभाव से संतान प्राप्ति का योग भी मजबूत होता है।
सोमवार की पूजा विधि
सोमवार को शिव जी की पूजा इस प्रकार करनी चाहिए:
- स्नान के बाद सफेद वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बिल्वपत्र, धतूरा, आक के फूल और सफेद चंदन अर्पित करें।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
- रात को शिव कथा सुनें और शिवजी को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करें।
सोमवार व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक धनिक व्यापारी था, जिसकी कोई संतान नहीं थी। उसने शिव जी की सच्चे मन से पूजा की और सोमवार का व्रत रखा। भगवान शिव की कृपा से उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई, लेकिन उसके पुत्र की आयु अल्प बताई गई। व्यापारी ने सोमवार के व्रत को जारी रखा, जिससे उसके पुत्र की आयु बढ़ गई और वह दीर्घायु हुआ।
आध्यात्मिक दृष्टि से सोमवार का महत्व
शिव जी की उपासना करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति, मोक्ष का मार्ग और सांसारिक कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। शिव तत्त्व का ध्यान करने से मन की चंचलता समाप्त होती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
सोमवार भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन है। इस दिन व्रत, पूजा, और साधना से भक्तों को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। यह दिन हमें शिव तत्त्व के निकट लाकर आत्मिक और भौतिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है।