शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मों के फलदाता माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैया चल रही हो, तो शनिदेव की पूजा करने से कष्टों का निवारण होता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सही विधि से पूजा करना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि शनिदेव की पूजा कैसे करें।
शनिदेव की पूजा का शुभ दिन
शनिवार को शनिदेव की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत और उपासना की जाती है।
पूजा की आवश्यक सामग्री
- शनिदेव की मूर्ति या चित्र
- सरसों का तेल
- काले तिल
- काले कपड़े
- काले चने और उड़द की दाल
- नीले फूल
- लोहे से बना दीपक
- गुड़ और चने का प्रसाद
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल)
शनिदेव की पूजा विधि
(1) स्नान और शुद्धिकरण
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें और शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
(2) सरसों के तेल का दीपक जलाएं
- लोहे के दीपक में सरसों का तेल डालकर दीपक जलाएं।
- दीपक को पीपल के पेड़ के नीचे जलाना भी शुभ माना जाता है।
(3) काले तिल और उड़द का दान करें
- काले तिल, काले चने और उड़द की दाल शनिदेव को अर्पित करें।
- ये सामग्री किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करना भी शुभ होता है।
(4) शनिदेव के मंत्रों का जाप करें
- शनिदेव के निम्नलिखित मंत्रों का जाप 108 बार करें:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
(5) हनुमान जी की पूजा करें
- हनुमान जी की पूजा करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें और गुड़-चने का भोग लगाएं।
(6) पीपल के वृक्ष की पूजा करें
- शनिदेव पीपल के वृक्ष में निवास करते हैं।
- शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें।
(7) शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें
- शनि चालीसा और दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करना लाभदायक होता है।
शनिदेव को प्रसन्न करने के अन्य उपाय
- गरीबों को काले कपड़े, काले तिल, सरसों का तेल और अन्न का दान करें।
- शनिवार को मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- किसी पर अन्याय न करें और सत्य का पालन करें।
- माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करें।
शनिदेव की पूजा के लाभ
- शनि की साढ़े साती और ढैया से राहत मिलती है।
- जीवन में आ रही परेशानियों का निवारण होता है।
- नौकरी और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
निष्कर्ष
शनिदेव की पूजा यदि विधिपूर्वक और सच्चे मन से की जाए, तो उनके शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। जीवन में आने वाले कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। शनिदेव कर्म प्रधान देवता हैं, इसलिए हमें अच्छे कर्म करने चाहिए ताकि शनि की कृपा बनी रहे।
जय शनिदेव!